शीतल आमटे की मृत्यु से कुछ ही अरसे पहले आमटे परिवार के संगठन महारोगी सेवा समिति के प्रबंधन को लेकर परिवार के बीच खुलेआम अनबन होने की ख़बर आई थी।
इस संगठन की स्थापना रेमन मैग्सेसे और , पुरस्कार प्राप्त बाबा आमटे ने की थी।
बाबा आमटे ख़ास तौर से कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए मशहूर हुए थे। उनका निधन 2008 में हो गया था।
परिवार में अनबन
महारोगी सेवा समिति के प्रबंधन को लेकर शीतल आमटे ने सोशल मीडिया पर कई आरोप लगाए थे।
उन्होंने 20 नवंबर, 2020 को एक फ़ेसबुक लाइव में कुष्ठ सेवा समिति और ट्रस्टियों के कार्यों पर कुछ आपत्तियां की थीं।
इस लाइव में, उन्होंने चाचा डॉक्टर प्रकाश आमटे और उनके परिवार पर भी आरोप लगाए थे। मगर आधे घंटे के बाद शीतल ने उस लाइव पोस्ट को हटा दिया।
इसके बाद बाबा आमटे के बेटों विकास और प्रकाश आमटे तथा उनकी पत्नियों भारती व मंदाकिनी ने हाल ही में स्पष्टीकरण जारी किया था।
आमटे परिवार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया था कि 'शीतल गौतम कराजगी मानसिक तनाव और डिप्रेशन से गुज़र रही हैं और उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए महारोगी सेवा समिति के काम, ट्रस्टियों और इसके कर्मचारियों के बारे में ग़ैर-वाजिब बयान दिए हैं'।
बयान में कहा गया - "उनके सारे बयान बेबुनियाद हैं। आमटे परिवार आपस में चर्चा के बाद ये बयान जारी कर रहा है ताकि शीतल के आरोपों से किसी तरह की ग़लतफ़हमी पैदा ना हो।"
इस बयान के बाद शीतल आमटे ने बीबीसी मराठी सेवा से कहा था - "मेरे पति गौतम करजगी और मैं स्वर्गीय बाबा आमटे का काम जारी रख रहे हैं. हम जल्द ही एक बयान जारी करके अपनी स्थिति की घोषणा करेंगे। "
डॉ शीतल आमटे पेशे से डॉक्टर थीं. इसके साथ ही वो एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं।
उन्होंने 2004 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नागपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी।
ऋषि जयसवाल।