बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में पत्नी की हत्या पर दोषी पति की अपील खारिज कर दी है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दोषी पति की इस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि पत्नी के चाय बनाने से इनकार करने पर वो आपा खो बैठा और गुस्से में उसकी हत्या कर दी थी।
ये मामला 2013 का है जिसमें पति को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। हैरान करने की बात ये है कि इसको उसकी ही बेटी ने अपनी आंखों से देखा था और गवाही भी दी थी। कोर्ट ने दलील खारीज करते हुए कहा कि पत्नी 'कोई गुलाम नहीं है।
बता दे कि मामला कुछ इस प्रकार है कि 35 साल की संतोष महादेव अटकर पत्नी के साथ अक्सर झगड़ा किया करता था। उसे शक था कि उसकी पत्नी उसे धोखा दे रही है। 19 दिसंबर 2013 को पीडि़ता मनीषा बिना चाय तैयार किए घर से जा रही थी।
जिसके कारण दंपति में झगड़ा हो गया। इस बीच संतोष ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी के सिर पर हथौड़े से हमला कर दिया। हथौड़े के चोट से मनीषा घायल हो गई, जिसके बाद पति खून के धब्बों को साफ कर उसे अस्पताल ले गया। लेकिन इलाज के दौरान 25 दिसंबर को मनीषा ने दम तोड़ दिया।
अदिती गुप्ता