शिवसेना ने अपने संपादकीय मुख्यपत्र में कहा- पश्चिम बंगाल से पूरे देश को सीखने की जरूरत.....
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले रैलियों और संबोधन में 200 से ज्यादा सीटें जीत कर सकता बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी को अब ममता बनर्जी के सामने भारी हार का सामना करना पड़ा है। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में 212 वोटों से प्रचंड बहुमत हासिल करके सरकार बनाएंगी। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के हारने के बाद लगभग सभी विपक्षियों में खुशी की एक लहर है इस दौरान बीजेपी की हार के बाद विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर हमला बोला है। आपको बता दें कि शिवसेना ने कहा है कि बंगाल चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह अजेय नहीं है। वही टिप्पणी करते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह घमंड की हार है।
शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया कि हाल ही में पश्चिम बंगाल समेत असम और तमिलनाडु तथा केरल एवं केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में चुनाव हुए। उनमें से सभी लोगों की निगाह पश्चिम बंगाल के चुनाव पर थी। शिवसेना ने मुख्य पत्र सामना के संपादकीय में लिखते हुए कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी केंद्र सरकार ममता बनर्जी को हराने के लिए बंगाल में लगी थी। जिसका नतीजा है कि बंगाल की जनता ने ऐसी सरकार को अस्वीकार कर दिया जिसे जनता की परवाह ना हो।
इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में आए परिणाम से साबित होता है कि पूरा तंत्र अभी और प्रौद्योगिकी पास होने के बावजूद मोदी और शाह अजेय नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम का एक पंक्ति में विश्लेषण किया है कि भाजपा हार गई और कोरोनावायरस जीत गया। शिवसेना ने कहा कि असम और पुडुचेरी को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी अन्य राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करने में लगभग असफल रही है। पश्चिम बंगाल के लोगों की प्रशंसा की जानी चाहिए कि वह कृत्रिम लहर के झांसे में नहीं आए और अपनी प्रतिष्ठा के लिए एकजुट होकर खड़े रहे। इसीलिए पूरे देश को बंगाल से सीखना चाहिए।
नेहा शाह