'वैक्सीन और इम्युनिटी दोनों को चकमा दे सकता है डेल्टा प्लस वेरिएंट', तीन राज्यों में दी दस्तक
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लड़ाई जारी है. साथ ही देश डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए भी संघर्ष कर रहा है, जो आगे डेल्टा प्लस के रूप में बदल गया है. डेल्टा प्लस, जिसे 'एवाई.1' वेरिएंट या बी.1.617.2.1 के रूप में भी जाना जाता है, उसे कोविड-19 का सबसे खतरनाक वेरिएंट माना जाता है. देश के तीन राज्य महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं. डेल्टा प्लस वेरिएंट पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट्स में शामिल प्रोफेसर शाहिद जमील ने कहा कि ये वेरिएंट वैक्सीन और संक्रमण दोनों तरह की इम्युनिटी को मात देने में कामयाब हो सकता है. उन्होंने कहा, "डेल्टा प्लस वेरिएंट में K417N म्यूटेशन है जो दक्षिण अफ्रीका में मिले बीटा वेरिएंट में भी था. ये स्थापित है कि बीटा वेरिएंट अल्फा और डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले वैक्सीनों को चकमा देने में ज्यादा कामयाब रहता है."
महाराष्ट्र में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप 'डेल्टा प्लस' के अभी तक 21 मामले सामने आ चुके हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने सोमवार को बताया कि इस स्वरूप के सबसे अधिक नौ मामले रत्नागिरी, जलगांव में सात मामले, मुंबई में दो और पालघर, ठाणे तथा सिंधुदुर्ग जिले में एक-एक मामला सामने आया है. उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से 7,500 नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं. ये नमूने 15 मई तक एकत्रित किए गए थे और इनका जीनोम अनुक्रमण किया जा चुका है. जीनोम अनुक्रमण से सार्स-सीओवी2 में छोटे से छोटे उत्परिवर्तन का भी पता चल जाता है.
अराधना मौर्या