आईआईटी कानपुर के एक्सपर्ट के अनुसार सितंबर में दस्तक देगी वायरस की तीसरी लहर

Update: 2021-06-25 05:38 GMT



कोरोनावायरस वैश्विक महामारी को लेकर आईआईटी कानपुर के सर्वेक्षण संशोधन के अनुसार अगर 15 जुलाई तक देश संपूर्ण रूप से अनलॉक हो जाता है तो वायरस की तीसरी लहर सितंबर में ही दस्तक देगी। बता दें कि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर महेंद्र वर्मा और असिस्टेंट प्रोफेसर राजेश रंजन ने दूसरी लहर के ट्रेंड और कैलकुलेशन के आधार पर इसकी आशंका जताई है।

आईआईटी के अध्ययन के अनुसार आने वाली देश की लहर में देश में प्रतिदिन 5 लाख तक के केस आएंगे। पर यही पिक साबित होगा। विशेषज्ञों की मानें तो जनवरी 2022 में संक्रमण की दर इसी महीने की 21 तारीख जैसी होगी। दूसरी लहर में प्रदेश में रोज 13 हजार मरीज रोज मिल रहे थे, इस हिसाब से तीसरी लहर में उससे ज्यादा मरीज मिलेंगे।

बता दें कि आईआईटी कानपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर राजेश रंजन का कहना है कि तीसरी लहर का अनुमान दूसरी लहर के ट्रेंड और एक व्यक्ति से दूसरों को होने वाले संक्रमण के आधार पर लगाया गया है। आईआईटी कानपुर के अन्य प्रोफेसर अग्रवाल ने भी कुछ इसी तरह मॉडल बनाकर दूसरी लहर के आने के संकेत दिए हैं। बता दें कि अग्रवाल लगातार वैक्सीनेशन के आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से पहले वैक्सीनेशन के कवरेज और आंकड़ों का भी अध्ययन जरूरी है. गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक 28% से ज्यादा लोग वैक्सीने लगवा चुके हैं। 1 से 3 जुलाई तक एक और महाअभियान है। इस दौरान 35 से 40 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग चुकी होगी।

आईआईटी कानपुर के अध्ययन की मानें तो वैज्ञानिकों का कहना है कि सामान्य होने की स्थिति में तीसरी लहर दूसरी से तो कमजोर हो सकती है, लेकिन देश में रोजाना केसों का 'पीक' अक्टूबर में 3 से 3.25 लाख केसों तक का हो सकता है।‌

आईआईटी प्रोफेसर के  अनुसार  अभी 4% लोगों को वैक्सीन लगी है। दो माह में यह आंकड़ा 30 से 40% हो जाता है तो तीसरी लहर का असर काफी कम हो जाएगा. इसके अलावा कई लोगों को कोरोना हो चुका है। राज्यों को अब  सर्वे कराना चाहिए, ताकि लोगों की हर्ड इम्युनिटी का पता चल सके। कोविड प्रोटोकॉल का पालन, लोगों की सतर्कता व छोटी-छोटी जगहों पर सीरो सर्वे होता है तो पूर्वानुमान के तहत तीसरा कारण बनता है।

नेहा शाह

Tags:    

Similar News