भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) नया इतिहास रचने को तैयार है । इसरो आज अपने PSLV-C59 व्हीकल पर यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के Proba-3 सौर मिशन को लॉन्च करेगा। यह प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा।
प्रोबा 3 मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) का एक "इन-ऑर्बिट डेमोस्ट्रेशन (आईओडी) मिशन" है। इस मिशन की खास बात यह है कि इसके जरिए पहली बार अंतरिक्ष में 'प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग' को टेस्ट किया जाएगा। इसके तहत एक साथ दो सैटेलाइट उड़ेंगे। ये सैटेलाइट लगातार एक ही फिक्स कॉन्फिगरेशन को मेंटेन करेंगे।
प्रोबा 1 का पहला संस्करण 2001 में इसरो द्वारा लॉन्च किया गया था, जो पृथ्वी पर आधारित ऑब्जर्वेशन मिशन था। प्रोबा 2 सूर्य के अध्ययन के लिए छोड़ा गया था। यह भी इसरो का ही मिशन था। अब, प्रोबा 3 को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित कर इसरो अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। यह मिशन सूर्य के बाहरी वातावरण यानि कोरोना के अध्ययन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।