एमएसएमई कॉन्क्लेव ने रक्षा क्लस्टर विकास में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका पर डाला प्रकाश
नागपुर, 31 जनवरी (आरएनएस)। एमएसएमई रक्षा कलस्टर विकास के माध्यम से क्षेत्रीय क्षमताओं को बढ़ाने और रक्षा आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के विषय पर महाराष्ट्र में राज्य स्तरीय रक्षा एमएसएमई कॉन्क्लेव बुधवार को आयोजित किया गया। रक्षा में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम रक्षा मंत्रालय के साथ साझेदारी में फिक्की द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में प्रमुख हितधारकों और विचारकों को एक लचीले रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार-विमर्श करने के लिए बुलाया गया है।
31 जनवरी को सावधानीपूर्वक आयोजित इस कॉन्क्लेव में रक्षा क्षेत्र के भीतर एमएसएमई के लिए चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने वाले प्रबुद्ध सत्र शामिल थे। रक्षा एमएसएमई के लिए अवसर और रक्षा क्षेत्र में हालिया नीति सुधार, रक्षा एमएसएमई के लिए अवसर, सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची, टीडीएफ परियोजनाएं और स्टार्ट-अप जैसे विभिन्न सत्र इस कार्यक्रम में आयोजित किए गए।अपने मुख्य भाषण में श्री अमित सतीजा, आईएएस, निदेशक डीआईपी, डीडीपी, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा, "रक्षा मंत्रालय रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए अटूट रूप से प्रतिबद्ध है।
यह कॉन्क्लेव सरकार और उद्योग हितधारकों के बीच चुनौतियों और सतत विकास के लिए रणनीतियां तैयार करने और बातचीत के लिए एक मंच प्रदान करता है। और उद्योग हितधारकों को चुनौतियों का समाधान कर सतत विकास के लिए रणनीतियां तैयार करनी होंगी।" उन्होंने रक्षा क्षेत्र और लाइसेंस मुद्दे से संबंधित विषयों में एमएसएमई की भागीदारी बढ़ाने के लिए भारत सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला। अनिल कुलकर्णी, फिक्की सदस्य, उपाध्यक्ष और प्रमुख - आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, डी एंड ए एसबीजी, एल एंड टी डिफेंस ने कहा, "रक्षा एमएसएमई कॉन्क्लेव रक्षा क्षेत्र में नवीनतम नीति सुधारों और अवसरों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा। सहयोग और रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए एमएसएमई के लिए नवाचार प्रमुख चालक हैं। एयर वाइस मार्शल विकास द्विवेदी, वीएसएम, डिप्टी एसएमएसओ, हेडक्वार्टर मैंटेनेंस कमांड, भारतीय वायु सेना नागपुर ने प्रकाश डालते हुए कहा, "रक्षा परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है, और स्वदेशी परियोजनाओं की सफलता के लिए एमएसएमई की भागीदारी महत्वपूर्ण है। यह कॉन्क्लेव सहयोग को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र में विकास के रास्ते तलाशने के लिए एक उत्कृष्ट पहल है।
यंत्र इंडिया लिमिटेड के सीएमडी, श्री राजीव पुरी ने कहा, "एमएसएमई क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में, मैं आगे आने वाले अवसरों के बारे में आशावादी हूं। कॉन्क्लेव नेटवर्किंग और सहयोग के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा, जो रक्षा समूहों के विकास के लिए आवश्यक है। वीडीआईए (विदर्भ डिफेंस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के श्री दुष्यंत एन देशपांडे ने कार्यक्रम के दौरान बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा रक्षा और एयरोस्पेस नीति को भुनाने में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। उनके दृष्टिकोण ने एक मजबूत और आत्मनिर्भर रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए राज्य की रणनीतिक दृष्टि के साथ तालमेल बैठाते हुए, एमएसएमई के लिए प्रचुर अवसरों को रेखांकित किया। कमांडर. गौतम नंदा (सेवानिवृत्त) एसोसिएट पार्टनर (केपीएमजी), श्री एस.के. सतपुते डीडीजी, डीडीपी (एमओडी), जीपी. कैप्टन नितिन क्षीरसागर सीआईओ हेडक्वार्टर मैंटेनेंस कमांड नागपुर, (आईएएफ) श्री संतोष राव (सिडबी), श्री अर्जुन कुमार अतिरिक्त निदेशक टीडीएफ (डीआरडीओ) और श्री अभिषेक जैन सह-अध्यक्ष (फिक्की टास्कफोर्स ऑन डिफेंस टेक्नोलॉजी) ने सम्मेलन की शोभा बढ़ाई और अपने विचार साझा किए। जबकि श्री पुरी ने डीपीएसयू उद्योग साझेदारी पर प्रकाश डाला। राज्य स्तरीय रक्षा एमएसएमई कॉन्क्लेव ने हितधारकों को रचनात्मक चर्चा में शामिल होने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान किया, जो देश की रक्षा क्षमताओं में योगदान देने में एमएसएमई की क्षमता को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।