भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भले ही शांति स्थापित हो गई हो, लेकिन भारतीय वायुसेना अभी कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दावा किया जा रहा है कि वायुसेना एलएसी पर अपनी मौजूदा तैनाती में तत्काल कोई बदलाव नहीं करेगी।यह जानकारी दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय में आयोजित भारतीय वायु सेना के कमांडरों के द्विवार्षिक सम्मेलन में सामने आई है, रविवार को शुरू हुआ है और 20 नवंबर तक जारी रहेगा।
यह सम्मेलन चीन के साथ एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने के बाद पहली बार आयोजित किया गया है।सम्मेलन में सशस्त्र बलों के भीतर एकीकरण पर चर्चा होगी, जिसका उद्देश्य अंतर-संचालन और समन्वित संचालन में सुधार करना है।इसके अलावा सर्दियों की परिचालन रणनीतियों पर बात होगी ताकि मौसम की कठोर परिस्थितियों के दौरान सुरक्षा और तत्परता बनाए रखी जा सके और सेना के आधुनिकीकरण पर चर्चा होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, कमांडरों का यह सम्मेलन भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमताओं और तैयारियों की समीक्षा के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।इस दौरान खासकर से उत्तरी सीमाओं पर चल रही सुरक्षा चुनौतियों पर विचार होता है और मौजूदा तैनातियों को लेकर भी चर्चा होती है। सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को शामिल होंगे।बता दें कि एलएसी पर शांति के बाद कई केंद्रीय मंत्री वहां का निरीक्षण कर चुके हैं।