प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर होगी चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को मॉरीशस की दो दिन की यात्रा पर जाएंगे। कल शाम नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि वर्ष 2015 के बाद प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की यह पहली यात्रा होगी। उन्होंने कहा कि मॉरीशस के साथ भारत के संबंध सदियों पुराने हैं और यह साझा इतिहास, संस्कृति, जनसंपर्क के माध्यम से जुडे हुए हैं। श्री मिसरी ने बताया कि मॉरीशस हिन्द महासागर में भारत का महत्वपूर्ण भागीदार है और निकट समुद्री सहयोगी है। उन्होंने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास कार्यक्रम-सागर की परिकल्पना की थी, जिसमें हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। विदेश सचिव ने कहा कि मॉरीशस के साथ भारत के मजबूत संबंध हैं और पिछले दशकों में इन संबंधों में काफी मजबूती आई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों देशों को भागीदारी की समीक्षा करने और इसे मजबूती प्रदान करने का अवसर मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। भारतीय सुरक्षाबलों का एक दल, भारतीय नौसेना का एक जहाज और वायु सेना का आकाश गंगा का स्काईडाविंग दल भी इस कार्यक्रम में शामिल होगा। प्रधानमंत्री मंगलवार की सुबह पोर्ट लुईस पहुंचेंगे और उनका औपचारिक स्वागत होगा। श्री मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री शिव सागर राम गुलाम और पूर्व राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ को श्रद्धांजलि देने के लिए शिव सागर राम गुलाम बॉटनिकल गार्डन जाएंगे।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मवीर गोखुल से मुलाकात करेंगे, प्रधानमंत्री नवीन चन्द्र राम गुलाम के साथ विचार विमर्श करेंगे और वरिष्ठ नेताओं से बातचीत करेंगे। विदेश सचिव ने कहा कि श्री मोदी भारतीय मूल के समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे और सिविल सेवा कॉलेज और एरिया हेल्थ सेंटर जैसी दो परियोजनाओं का उद्धाटन करेंगे। इन दोनों संस्थानों का निर्माण भारत के अनुदान से हुआ है। इसके अलावा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौते पर भी विचार-विमर्श होगा।