केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के पैदल मार्गों पर चार हजार तीन सौ से अधिक घोड़ा-खच्चर संचालक तीर्थयात्रियों की सेवा में तैनात रहेंगे

Update: 2025-05-01 04:21 GMT




इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के पैदल मार्गों पर चार हजार तीन सौ से अधिक घोड़ा-खच्चर संचालक तीर्थयात्रियों की सेवा में तैनात रहेंगे।

केदारनाथ धाम के लिए अब तक दो हजार चार सौ तिरानब्बे संचालकों ने पांच हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण करवाया है। गौरीकुंड से केदारनाथ तक करीब 18 किलोमीटर की यात्रा के लिए यात्रियों को सुविधा देने के उद्देश्य से पशुपालन विभाग ने सभी पंजीकृत जानवरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किए हैं। सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिंचौली और केदारनाथ में पशु चिकित्सालय स्थापित किए गए हैं, जहां पांच डॉक्टर और सात पैरावेट तैनात हैं। मार्ग के 13 स्थानों पर गरम पानी की भी व्यवस्था की गई है।

यमुनोत्री धाम के लिए तीन हजार सात सौ से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया गया है। जानकीचट्टी में अस्थायी पशु चिकित्सालय स्थापित किया गया है, जहां चार पशु चिकित्सक, चार पशुधन प्रसार अधिकारी और दो सहायकों को तैनात किया गया है। यहां यात्रा मार्ग पर छह गीजर भी लगाए गए हैं ताकि जानवरों को गरम पानी मिल सके।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए केदारनाथ मार्ग पर सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, लिंचौली और रुद्र प्वाइंट पर पांच प्रीपेड बुकिंग काउंटर बनाए गए हैं। यमुनोत्री में घोड़ा-खच्चर संचालकों को नंबर वाली जैकेट दी गई है और उन्हें दिन में केवल एक बार ही धाम तक जाने की अनुमति होगी।

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