भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक व बौद्धिक सहयोग को मिलेगा बढ़ावा

Update: 2025-05-24 15:47 GMT



 रामपुर रज़ा पुस्तकालय के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने 26 से 29 मई से अपनी प्रस्तावित रूस यात्रा पहले नई दिल्ली में रूस के प्रतिष्ठित एमजीआईएमओ (MGIMO – Moscow State Institute of International Relations) विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ प्रो. अलेक्जेंडर वी. लुकिन से मुलाकात की। इस औपचारिक मुलाकात के दौरान निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और रामपुर रज़ा पुस्तकालय की ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक स्वरूप, पुस्तकालय की भव्य इमारत का एक विशेष पोट्रेट तथा एक पारंपरिक भारतीय शॉल प्रो. लुकिन को स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया। यह प्रस्तुति भारत-रूस सांस्कृतिक संबंधों की सुदृढ़ता और परस्पर सम्मान का प्रतीक रही।

इस भेंटवार्ता के दौरान दोनों विद्वानों ने समकालीन अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य, भारत-रूस सांस्कृतिक संबंधों, वैश्विक राजनीतिक परिघटनाएँ, तथा आतंकवाद जैसे अत्यंत संवेदनशील विषयों पर गंभीर एवं विस्तृत चर्चा की। इसके साथ ही, रामपुर रज़ा पुस्तकालय की वैश्विक स्तर पर उपयोगिता, उसकी ऐतिहासिक पांडुलिपियाँ, दुर्लभ ग्रंथ-संग्रह तथा अंतरसंस्कृति संवाद में उसकी भूमिका पर भी विचार-विमर्श किया गया।

इसके साथ ही, निदेशक डॉ पुष्कर मिश्र ने विश्व स्तर पर ख्यातिप्राप्त विद्वान और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ से भी मुलाकात की। इस भेंट में साहित्य, सांस्कृतिक संरक्षण तथा अकादमिक सहयोग के विविध पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। दोनों ही मुलाकात भारत की ज्ञान परंपरा और वैश्विक संवाद की दिशा में महत्वपूर्ण रहीं। निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र की आगामी रूस यात्रा न केवल रामपुर रज़ा पुस्तकालय की अंतरराष्ट्रीय पहचान को और विस्तार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भारत और रूस के मध्य सांस्कृतिक व बौद्धिक सहयोग को भी नई दिशा प्रदान करेगी।

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