त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना पहुंचे

Update: 2025-07-05 06:19 GMT


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो की सफल यात्रा के बाद पांच देशों की यात्रा के तीसरे चरण में आज सुबह अर्जेंटीना की राजधानी ब्‍यूनस आयर्स पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री का औपचारिक स्‍वागत किया गया। इस यात्रा का उद्देश्‍य वैश्विक दक्षिण देशों के साथ भारत के संबंध को मजबूत बनाना है।

प्रधानमंत्री मोदी आज शाम यात्रा की शुरुआत अर्जेंटीना के सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डी सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ करेंगे। इसके बाद श्री नरेंद्र मोदी का औपचारिक स्वागत किया जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। इसके बाद उनके सम्मान में राष्ट्रपति जेवियर माइली दोपहर के भोज का आयोजन करेंगे। प्रधानमंत्री का यहां के प्रतिष्ठित क्लब बोका जूनियर्स के फुटबॉल स्टेडियम का दौरा करने का भी कार्यक्रम है।

इस यात्रा से रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते खुलने की आशा है। इसमें प्रमुख क्षेत्रों जैसे व्यापार और निवेश, स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा और सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, खनन और खनिज संसाधन, कृषि और खाद्य सुरक्षा, हरित ऊर्जा, आईसीटी और डिजिटल नवाचार, आपदा प्रबंधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और लोगों के बीच आपसी संपर्क शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति जेवियर माइली के निमंत्रण पर अर्जेंटीना का दौरा कर रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच पिछली मुलाकात ब्राजील के रियो डी जेनेरो में नवंबर 2024 में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। प्रधानमंत्री ने जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 2018 में अर्जेंटीना का दौरा किया था, और यह पिछले 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा अर्जेटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी। - जो अपने आप में ऐतिहासिक अवसर है।

पांच देशों की यात्रा पर जाने से पहले वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जेंटीना को लैटिन अमरीका में प्रमुख आर्थिक साझेदार और जी20 समूह के भीतर करीबी सहयोगी बताया था। प्रधानमंत्री की यह यात्रा विशेष रूप से ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रही है, जब अर्जेंटीना प्रमुख आर्थिक सुधारों के दौर से गुजर रहा है - यह कई मायनों में भारत में पहले किए गए आर्थिक सुधारों की याद दिलाता है। भारत और अर्जेंटीना विभिन्न क्षेत्रों में एकजुट होने के साथ ही मजबूत संबंध भी साझा करते हैं, जो दशकों के आपसी सहयोग से और भी गहरे हुए हैं। 2019 में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देते हुए इसे रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया गया और दोनों देशों ने 2024 में राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव भी मनाया था।

दोनों देशों की जनता के बीच आपसी संबंध भी मजबूत हैं, योग, आयुर्वेद और दर्शन जैसी भारतीय परंपराएँ अर्जेंटीना में भी लोकप्रिय हैं। रक्षा विनिर्माण, अंतरिक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति अर्जेंटीना के लिए बहुमूल्य अवसर प्रदान कर सकते हैं। इसके अलावा, टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थकेयर के माध्यम से समाधान प्रदान करने में भारत की विशेषज्ञता अर्जेंटीना के लिए सस्ती, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच बढ़ाने की दिशा में आशाजनक राह प्रस्तुत करती है। अर्जेंटीना के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस भंडार और चौथा सबसे बड़ा शेल तेल भंडार है, साथ ही उसके पास पर्याप्त पारंपरिक तेल और गैस भंडार भी हैं।

यह इसे भविष्य में भारत के लिए संभावित रूप से महत्वपूर्ण ऊर्जा भागीदार के विकल्प के रूप में स्थापित करता है। इसके अलावा, अर्जेंटीना के महत्वपूर्ण खनिजों के समृद्ध भंडार - जिसमें लिथियम, तांबा और अन्य दुर्लभ खनिज तत्व शामिल हैं जो भारत की स्वच्छ ऊर्जा और औद्योगिक विकास का समर्थन करने के लिए सुरक्षित और टिकाऊ आपूर्ति की बढ़ती जरूरत को पूरा कर सकते है। अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली के साथ मिलकर 'लिथियम त्रिकोण' बनाता है।

लिथियम आधुनिक प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों, पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में उपयोग की जाने वाली रिचार्जेबल बैटरी के लिए आवश्यक है। इस दिशा में, खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड और कोल इंडिया लिमिटेड जैसी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में कुछ रियायतें हासिल की हैं।

दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान इस विषय पर साझेदारी के लिए विशेष रुप से चर्चा होने की उम्मीद है। अर्जेंटीना की यात्रा के बाद, प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे के अंतिम पड़ाव नामीबिया जाने से पहले रियो डी जेनेरो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील की भी यात्रा करेंगे। पांच देशों की यात्रा के प्रथम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना के अकरा का दौरा भी किया, जो महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक ले जाने तथा विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत प्रदान करना शामिल है।

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