कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में पनामा पहुंचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने संसद की अध्यक्ष डाना कास्टानेडा के साथ बैठक की
आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का भारत का संदेश सीमापार से आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विश्वभर में भेजे गये भारत के बहुदलीय प्रतिनिधि मंडलों की यात्रा के दौरान अलग-अलग देशों में नेताओं, सांसदों, बुद्धिजीवियों, मीडिया और नागरिक समाज के साथ उनकी बातचीत में गूंज रहा है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में पनामा पहुंचे भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल ने वहां की संसद की अध्यक्ष डाना कास्टानेडा के साथ बैठक की। इस दौरान श्री थरूर ने कहा कि भारत को युद्ध छेड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन ऐसा महसूस किया गया कि आतंकवाद से जुड़ी हरकतों का उचित दंड अवश्य दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम में आतंकवादी हमले का षडयंत्र रचने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करने में पाकिस्तान के नाकाम रहने के बाद भारत ने वहां आतंकवादियों के जाने-पहचाने अड्डों पर आक्रमण किया। श्री थरूर ने कहा कि इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि और भारत के भिन्न-भिन्न भागों के प्रतिनिधि शामिल हैं लेकिन वे एक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए एक साथ हैं।
उन्होंने पनामा से आतंकवाद के विरूद्ध युद्ध में सहायता करने और इसके संबंध में दबाव डालने की अपील की ताकि आतंकवादी घटना के षडयंत्रकर्ताओं की वास्तविक रूप से पहचान की जा सके और उन अपराधियों को सजा दिलाई जा सके। पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बोलते हुए श्री थरूर ने इस बात का उल्लेख किया कि पाकिस्तान बार-बार भारत पर आक्रमण करता रहा है क्योंकि वह उस क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता है जो भारत की सीमाओं में है और उसका सम्प्रभु भाग है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चन्द्र पवार की नेता सुप्रिया सुले के नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे। सर्वदलिय प्रतिनिधिमंडल ने सीमापर से आतंकवाद को बर्दाश्त न करने की भारत की नीति की हिमायत की। प्रतिनिधिमंडल ने वहां बताया कि आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया में भारत की ओर से चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर सुनियोजित, लक्षित और उस घटना के जवाब में माकूल कदम था, जो तनाव बढ़ाए बिना आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने इस बात पर बल दिया कि आतंकवादियों और उनको शह देने वालों के बीच कोई फर्क नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरहद पार आतंकवाद के उस ढांचे को नष्ट करना होगा जिसे दशकों से भारत के विरूद्ध इस्तेमाल किये जाने के लिए विकसित किया गया है। प्रतिनिधिमंडल में दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की और आतंकवाद को उसके सभी रूपों में खत्म करने के लिए भारत की ओर से राष्ट्रीय सहमति बनाने और सामूहिक प्रयास किये जाने पर बल दिया। प्रतिनिधि मंडल के सदस्य आज केपटाउन जाएंगे। वहां वे दक्षिण अफ्रीका की संसद में बैठके करेंगे और वहां की सरकार के मंत्रियों से भी मिलेंगे।