मीना पाण्डेय : संपादक ,बचपन एक्सप्रेस
किसी भी देश की तरक्की का रास्ता उसके आने वाली पीढ़ी से निर्धारित होता है | अगर हम अपनी आने वाली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा और संस्कार देते है तो देश तरक्की की राह पर होगा | पर ये अजब पाकिस्तान में गजब कहानी है | वो अपने बच्चो को सुसाइड बॉम्बर बनने का खेल सीखा रहा है |
गलती पकिस्तान के मासूम बच्चो की नहीं है | ये उन नीति निर्माताओ को करारा जवाब है जो आतंकवाद को राष्ट्र नीति के तौर पर चला रहे है और इस्लाम की अच्छी शिक्षा की जगह बच्चो के दिल में दुसरो के प्रति नफ़रत भर रहे है | हाल में ही पाकिस्तानी सेना और सरकार ने बच्चो का इक वीडियो जारी किया था जिसमे वो युद्ध कर कश्मीर और भारत को तहस -नहस करने के बात कर रहे थे |
इन बच्चो को अच्छी तालीम देने की जगह ओसामा बिन लादेन और बगदादी बनने की शिक्षा दी जा रही है | पाकिस्तान की धरती सिन्धु घाटी और झेलम , चेनाव , रावी की उत्कृष्ट सभ्यता का केंद्र रहा है | इसे हिन्दू संस्कृति से जोड़ने के कारण पाकिस्तान इसे अपना नही पा रहा है | शायद पाकिस्तान को ये समझ आज तक नहीं आया की व्यक्ति और देश किसी भी धर्म के उपासक हो सकते है पर जिस धरती पर वो रह रहे है उससे अलग होकर उनका कोई अस्तित्व नहीं है |
पाकिस्तान इस्लामिक देश हो सकता है पर वो सिन्धु और झेलम नदियों का इतिहास तो नहीं बदल सकता | यही काम अफगानिस्तान में तालिबान ने किया | उन्होंने सत्ता में आने पर बामियान में बुद्ध की प्रतिमा को तहस -नहस कर दिया | पर क्या वो बुद्ध की सोंच को तहस -नहस कर पाए | अगर सभ्यता का इतिहास इतनी आसानी से मिट जाता तो हिन्दू धर्म का तो नामो निशान मिट जाता |
पर पाकिस्तान की बरबादी को अब कोई रोक नहीं पायेगा | जिस देश के बच्चे हांथो में कलम और ;लैपटॉप की जगह ए के फोर्टी सेवेन और हैण्ड ग्रेनेड चलाने का सपना देख रहे हो और वो खेल खेल रहे हो तो अब शायद उन्हें नष्ट होने के लिए किसी विदेशी ताकत की जरूरत नहीं है | उनके बच्चे ही अपने खेल से पाकिस्तान का खेल ख़त्म कर देंगे |