. नई दिल्ली में रविवार को एक किताब के विमोचन समारोह के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने असम में चल रही राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर प्रक्रिया का जोरदार तरीके से पक्षपात किया है नई दिल्ली में असम पर एक किताब के विमोचन समारोह में उन्होंने एनआरसी को लेकर यह स्पष्ट किया है की यह प्रक्रिया ना तो नहीं है और ना ही विचार नया है |
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की हिमायत करते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले असम में अवैध तरीके से रह रहे घुसपैठिए बांग्लादेशी को लेकर सबके अपने-अपने मत होते थे और इससे भय घबराहट हिंसा और अराजकता को बढ़ावा मिलता था सीबीआई ने कहा कि एनआरसी अब भविष्य के लिए मूल दस्तावेज होगा रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ही असम में एनर्जी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है उन्होंने आराम कुर्सी पर बैठकर टिप्पणी करने वालों की भी जमकर आलोचना की उन्होंने यह कहा कि बयानबाजी जमीनी हकीकत से बहुत दूर है और बहुत ही वितरित तस्वीर पेश करते हैं |
इससे असम और उसके विकासवादी एजेंडे को नुकसान पहुंच सकता है उन्होंने यह भी बताया कि एनआरसी नया नहीं है क्योंकि इससे पहले 1951 में यह सामने आया था और मौजूदा कवायद 1951 की एनआरसी को अपडेट करने की कोशिश ही है गोगोई ने यह बातें वरिष्ठ वकील मृणाल तालुकदार की लिखी किताब पोस्ट कॉलोनियल असम के विमोचन के मौके पर कही ।