सेवा कार्य पर आधारित धारावाहिक ‘समपर्ण’

Update: 2019-11-15 12:13 GMT

                समाज में सेवाभाव से काम

करने वाले हजारों हाथ हैं, जो अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हैं। ऐसे व्यक्ति/संस्थाओं पर रोशनी डालने

का काम जल्द प्रसारित होने वाले ‘समपर्ण’ नाम धारावाहिक से होने जा रहा है। आरुषा क्रिएशन प्रस्तुत यह धारावाहिक 17 नवंबर से हर रविवार सुबह 10 बजे दूरदर्शन के राष्ट्रीय

वाहिनी पर (डी.डी-1 नेशनल) प्रसारित होगा।

कुछ लोगों का मकसद केवल पैसा कमाना, प्रसिद्धि या प्रतिष्ठा

हासिल करना नहीं होता, बल्कि किसी के चेहरे की मुस्कान की वजह बनना, यह होता है। यह ऐसे लोग होते हैं, जो दूसरों की खुशियों में

अपना समाधान ढूंढते हैं। अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हैं। समाज में चेतना की

अग्नि प्रज्वलित करते हैं, यह समर्पण की परंपरा भारतीय दर्शन का एक हिस्सा है...और इसी पर आधारित हमारा

धारावाहिक केवल एक माध्यम है ऐसी कहानियों को आपके सामने प्रदर्शित करने का। इसी

माध्यम से समर्पण के अर्थ का अनुभव करने के लिए, निस्वार्थ भाव से देशभर चलने वाले सेवा कार्यों पर

आधारित है यह धारावाहिक समर्पण।

‘आरुषा क्रियेशन्स’ के एकनाथ सातपुरकर द्वारा निर्मित इस धारावाहिक में

समस्याओं से जूझने वाले लोगों का, संस्थाओं का परिचय दिया गया, जो देशभर के विभिन्न राज्यों में चल रहे सेवा कार्य, जैसे शिक्षा, आरोग्य, दिव्यांग, महिला सबलीकरण, रोजगार, पर्यावरण आदि से जुड़े हैं।

इसका निर्देशन प्रसाद पत्की और चंद्रशेखर कुलकर्णी

इन्होंने किया है। इस धारावाहिक के एपिसोड का लेखन अभिराम भडकमकर, डॉ. अनुऋचा सिंह, विजयलक्ष्मी सिंह,  चिद्विलास क्षीरसागर, केकती कुलकर्णी, बालाजी सिंडिकेट (नासिक) आदि ने किया है। विशेष रूप से बनाया गया इस धारावाहिक

का शीर्षगीत संगीतकार अशोक पत्की इन्होंने तैयार किया है तथा वरिष्ठ गायक सुरेश

वाडकर और गायिका देवकी पंडित ने इस गीत को अपनी आवाज दी है। परेश रावल, विवेक ओबेरॉय, मनोज जोशी, सचिन खेडेकर जैसे कई दिग्गज

कलाकारों ने इस धारावाहिक के एपिसोड्स के लिए सूत्र संचालन किया है।

‘समर्पण’ धारावाहिक के लिए संस्थाओं का चयन और संशोधन में ‘राष्ट्रीय सेवा भारती’ के ऋषिपाल डडवाल और उदय जोगलेकर इन्होंने अहम्

भूमिका निभाई है।

अच्छे काम की शुरुआत अगर हम करते हैं तो समाज से

हजारों हाथ सहायता करने आ जाते हैं, ऐसा ही अरुषा क्रिएशन की टीम अनुभव कर रही है। जरूर देखिये,

आइए अनुभव करते हैं इस

माध्यम से जो है समर्पण। जिनकी चाह है मुस्कान, कार्य ही है जिन की पहचान, कार्य में ही समाधान...समाज के प्रति जिन्होंने है

किया जीवन अर्पण इनकी है यह हकीकत समर्पण...।

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