कोसी रेल महासेतु से भारत को नेपाल क्षेत्र में रणनीतिक बढ़त मिल सकती है

Update: 2020-09-17 08:20 GMT


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 18 सितंबर 2020 को दोपहर 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऐतिहासिक कोसी रेल महासेतु राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

इस सेतु माँ निर्मण २००३-०४ में तत्कालीन सरकार ने किया था \ इस सेतु की लाब्मै 1.9 किलोमीटर है और इसके निर्माण में पांच सौ करोड़ से ज्यादा की धनराशी लगी हा \ इस परियोजना की खास बात है की इसमें कोविड काल के दौरान भी काम चलता रहा और लौट के आने वाले हजारो मजदूरों को इसमें काम मिला \

कोसी रेल महासेतु को जनता को समर्पित किया जाना न सिर्फ बिहार के इतिहास में बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र से संपर्क के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा।

वर्ष 1887 में निर्मली और भापतियाही (सरायगढ़) के बीच एक मीटर गेज लाइन शुरू की गई थी। लेकिन वर्ष 1934 में आई भयानक बाढ़ और भारत-नेपाल में आए भूकंप के चलते यह लाइन तबाह हो गई थी। कोसी नदी की प्रकृति के चलते लंबे समय तक इस रेल मार्ग को शुरू किए जाने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

इस परियोजना को जनता को समर्पित किए जाने से क्षेत्र के लोगों का 86 वर्ष पुराना स्वप्न साकार हो रहा है और लंबी प्रतीक्षा पूरी हो रही है। प्रधानमंत्री इस महासेतु को समर्पित करने के साथ ही सुपौल स्टेशन से सहरसा-आसनपुर कुफा डेमो ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस मार्ग पर जब रेलगाड़ियों का जनता के लिए परिचालन शुरू हो जाएगा तब सुपौल, अररिया और सहरसा जिलों के लोगों के लिए यह मार्ग बेहद लाभकारी सिद्ध होगा। इससे क्षेत्र के लोगों को कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे लंबी दूरी वाले स्थानों तक जाना और आना सुलभ हो जाएगा।


Similar News