योगी सरकार ने ओडीओपी में शामिल किए 12 और नये उत्पाद, अब अमरोहा का मैटल बिखेरेगा जलवा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट (ODOP)योजना न केवल प्रदेश के हर जिले की पारंपरिक विशेषता को राष्ट्रीय और वैश्विक पहचान दिलाने का माध्यम बनी है, बल्कि लाखों कारीगरों, शिल्पियों और उद्यमियों के लिए आत्मनिर्भरता का सशक्त जरिया भी साबित हुई है। सीएम योगी की ओडीअोपी योजना जहां देश के कई राज्य अपना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दुनिया में भी काफी ओडीओपी उत्पादों की सराहना हो रही है। इसे और सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार ने 12 और नये उत्पादों को ओडीओपी में शामिल किया है, जो देश दुनिया में अपनी पहचान बनाएंगे। योगी सरकार पहले ही प्रदेश के विभिन्न जिलों के 62 उत्पादों को ओडीओपी में शामिल कर चुकी है, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 74 हो गई है। सहारनपुर का होजरी, अमरोहा का मैटल एवं वुडन हैंडीक्राफ्ट विश्व फलक पर दिखाएगा शान एमएसएमई सचिव प्रांजल यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी अादित्यनाथ की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट (ODOP)योजना की पूरे देश में चर्चा हो रही है। यह योजना विभिन्न राज्यों को काफी पसंद आयी। यही वजह है कि उन्होंने अपने राज्यों में भी सीएम योगी की ओडीओपी योजना को लागू किया है। सीएम योगी की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि प्रदेश के हर जिले की पारंपरिक विशेषताओं और उद्योगों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिली है। इससे न सिर्फ स्थानीय शिल्पियों और उद्यमियों को रोज़गार मिला है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्राप्त हुई है।
एमएसएमई सचिव ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर ओपीओपी में प्रदेश के विभिन्न जिलाें के 12 नये उत्पादों को शामिल किया है। इसमें बागपत के एग्रीकल्चरल इम्पलीमेंटस एंड रिलेटेड एसेसिरीज, सहारनपुर के होजरी उत्पाद, फिरोजाबाद के फूड्स प्रोसेसिंग, गाजियाबाद के मैटल उत्पाद तथा टेक्सटाइल एंड अपेरल उत्पाद, अमरोहा के मैटल एवं वुडन हैंडीक्राफ्ट, आगरा के पेठा उद्योग एवं सभी प्रकार के फुटवेयर, हमीरपुर के मैटल उत्पाद, बरेली के लकड़ी के उत्पाद, एटा के चिकोरी उत्पाद, प्रतापगढ़ का खाद्य प्रसंस्करण, बिजनौर का ब्रश एवं उससे जुड़े उत्पाद और बलिया का सत्तू उत्पाद आदि शामिल हैं। बनारस की साड़ी, भदोही की कालीन की दिवानी हुई दुनिया योगी सरकार ने ओडीओपी योजना के तहत अब तक कई पारंपरिक उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाई है।
इसमें बनारस की साड़ी, भदोही का कालीन, कन्नौज का इत्र, आगरा का जूता, अलीगढ़ का ताला, सहारनपुर का वुड कर्विंग, आगरा का चमड़ा उत्पाद एवं संगमरमर पर जड़ना कार्य, बरेली का जरी-जरदोजी, स्वर्णकारी, बांस बेत, बिजनौर का काष्ठ कला आदि उत्पादों ने विश्व पटल पर अपनी नई पहचान बनायी है। इन सभी उत्पादों ने न सिर्फ स्थानीय पहचान को मज़बूत किया, बल्कि इनका निर्यात भी कई गुना बढ़ा है।
अमरोहा जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि अमरोहा के ढोलक एवं रेडीमेड गारमेंट्स को पहले ही ओडीओपी उत्पाद में शामिल किया गया था, अब मैटल एवं वुडन हैंडीक्राफ्ट को भी शामिल किया गया है। इसमें देश और विदेश में अमरोहा और यहां के उत्पादों को नई पहचान मिलेगी। साथ ही इससे अमरोहा तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की ओडीओपी योजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत योगदान सुनिश्चित कर रही है। यह प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने में अहम भूमिका निभा रही है।
याेगी सरकार के इन प्रयासों से दुनिया में ओडीओपी उत्पाद ने बिखेरा अपना जलवा योगी सरकार ने ओडीओपी उत्पादों को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए विभिन्न कदम उठाये। इसके तहत शिल्पियों को प्रशिक्षण, ऋण और विपणन सहायता प्रदान की गई है। इसके साथ प्रदर्शनी, मेले और ई-मार्केटिंग के माध्यम से इन उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाया गया। वहीं जिलाधिकारियों की निगरानी में एक्सपोर्ट प्रमोशन, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, जीआई टैगिंग और डिज़ाइन डेवलपमेंट आदि पर विशेष ध्यान दिया गया। इससे उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ी और प्रदेश में निवेश और उद्योग को नई रफ्तार मिली।