उत्तराखंड में पहाड़ों पर बर्फबारी से चमोली जिले में कल हुए हिमस्खलन के कारण फंसे हुए 55 मजदूरों में से 47 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहीं, फंसे हुए 8 अन्य की तलाश अभी भी जारी है। 6 घायलों को हेलिकॉप्टर से ज्योर्तिमठ सेना चिकित्सालय पहुंचाया गया।
चमोली के जिलाधिकारी ने बताया कि पहले निकाले गए 10 लोगों में से चार मजदूरों की हालत नाजुक है, जिनका इलाज आईटीबीपी के अस्पताल में चल रहा है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि सात फुट तक बर्फ जमे होने के कारण बचाव कार्य में काफी कठिनाई हो रही है। वहीं, बर्फवारी और रात होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा था। हालांकि, बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय से भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनीटरिंग की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात राज्य आपदा परिचालन केंद्र पहुंचकर बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने बचाव कार्यों में वायुसेना के हेलीकॉप्टर के साथ ही राज्य सरकार की एजेंसी ‘युकाडा’ और निजी कंपनियों के हेलीकॉप्टर भी आज सुबह से बचाव कार्यों में शामिल करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रत्येक श्रमिक की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर शनिवार सुबह खोज एवं बचाव अभियान में शामिल होने के लिए माणा के लिए रवाना हुए। वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जोशीमठ में आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
यह हिमस्खलन बदरीनाथ धाम से मात्र छह किलोमीटर की दूरी पर माणा बाई के पास शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे से छह बजे के बीच हुआ। यहां बीआरओ के मजदूर आर्मी मुवमेंट के लिए सड़कों से बर्फ हटाने का काम कर रहे थे और अचानक हुए हिस्खलन के कारण दब गए। फंसे हुए मज़दूर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों से हैं।