रायपुर, 19 दिसंबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में प्रतिदिन करीब 200 से ज्यादा फाइलें मूव करती है। इसमें 20 से 30 प्रतिशत फाइल विभागीय मंत्री तक जाती है। इन फाइलों पर विभागीय मंत्री की अनुशंसा और हस्ताक्षर जरुरी होता है। लेकिन प्रदेश में पिछले चार महीने से मंत्री चुनावी गहमा-गहमी में व्यस्त हैं। इससे फाइलों की ढेर बढ़ती जा रही है। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसा सभी विभागों में करीब 17 हजार फाइलें पेडिंग पड़ी हैं। इनमें कई फाइलें ऐसी हैं जिन्हें सचिवों ने विभागीय मंत्री या सरकार का रुख जानने के लिए रोक रखा है।अफसरों के अनुसार छत्तीसगढ़ में अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। नियमानुसार चुनाव कार्यक्रमों की घाोषणा के बाद सरकार कोई नीतिगत या नए फैसले नहीं ले सकती है।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही मंत्री सहित पूरी सरकार इसमें अफसर भी शामिल थे, चुनाव में व्यस्त हो गए। इस दौरान अफसर भी केवल जरुरी फाइल ही निपटाते रहे। लेकिन मंत्रालय में कामकाज सितंबर के पहले सप्ताह से ही काम बंद हो गया था। पूर्ववर्ती सरकार के ज्यादातर मंत्री मंत्रालय जाते ही नहीं थे अफसर फाइल लेकर उनके बंगले आते थे।अफसरों के अनुसार सितंबर के पहले सप्ताह से ही ज्यादातर मंत्री चुनाव में व्यस्त हो गए थे।
इस दौरान बेहद जरुरी फाइलें ही उन्होंने निपटाया। ऐसे में सितंबर के पहले सप्ताह से ही फाइलों की ढेर लगनी शुरू हो गई थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार सबसे ज्यादा पेंडेंसी स्कूल शिक्षा विभाग में है। आर्थिम मदद की मांग वाली आम लोगों की भी दर्जनों फाइलें पेडिंग में पड़ी हैं। इधर, 13 दिसंबर को राज्य में नई सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है, लेकिन अभी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री के साथ दो डिप्टी सीएम ही शपथ लिए हैं। ऐसे में फाइलें अभी विभागीय मंत्रियों का इंतजार कर रही हैं। पूर्ण मंत्रिमंडल के गठन और सरकार की नीति स्पष्ट होने के बाद ही फाइलों का निपटारा शुरू होगा।त्रिपाठी