कपड़ा व फुटवियर पर जीएसटी की दर से 5 से 12 प्रतिशत की बढोत्तरी तत्काल

Update: 2021-12-01 11:53 GMT

सामाजिक उद्योग व्यापार मण्डल, उ0प्र0 की एक आवश्यक व्यापार मण्डल के कार्यालय देहरादून रोड निकट घंटाघर बिजलीघर पर जिलाध्यक्ष राजेश गुलाटी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गयी।

बैठक को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष राजेश गुलाटी ने कहा कि एक तरफ जहां पूरे देश सहित अन्य देशों में कोरोना का जिस प्रकार का प्रकोप बढ़ा है, उससे लगता है कि कोरोना का प्रकोप अभी टला नहीं है। कोरोना काल में नन्हे-नन्हे बच्चों को स्कूलों में बुलाना। स्कूल प्रबन्धकों की मनमानीहै, ताकि वे अभिभावकों पर दबाव बनाकर फीस वसूल सकें। उन्होंने कहा कि कक्षा 1 से 5 तक के सभी स्कूलों तथा प्ले स्कूलों को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिला प्रशासन को ऑन लाईन शिक्षा के लिए निर्देशित करें ताकि कोरोना की भंयकर बीमारी से बच्चों को बचाया जा सके। क्योंकि बच्चों को अभी तक कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं लगी है जिस कारण बच्चों पर कोरोना का खतरा अधिक है। उन्होंने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट पहले से अधिक खतरनाक है, जिससे आम जन मानस की सुरक्षा अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों के प्रति गंभीर खतरा बना हुआ है, और वे भी चाहते हैं कि अभी उनके नन्हे-मुन्ने स्कूल न जाये।

श्री गुलाटी ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जिस प्रकार से कपड़ा व फुटवियर पर जीएसटी की दर से 5 से 12 प्रतिशत की बढोत्तरी आगामी 1 जनवरी से 2022 की योजना तैयार कर ली है, इससे देश के कपड़ा व फुटवियर व्यापारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि आम आदमी की जरूरतों में रोटी, कपड़ा और मकान आता है। केन्द्रीय मंत्री पहले से ही अवगत हैं कि पिछले दो सालों से कोरोना के कारण पहले ही व्यापारियों का कारोबार मंदी की मार झेल रहा है उस पर 5 से 12 प्रतिशत जीएसटी का बोझ व्यापारियों पर थोपने की मंशा कारोबार को बर्बाद करने की योजना है। उन्होंने मांग की कि केन्द्रीय वित्तमंत्री अपने इस काले फरमान को तत्काल वापिस लें अन्यथा देश के व्यापारी सड़क से संसद तक आंदोलन करने को बाध्य होगा।

बैठक में राजेश गुलाटी, गौरव चौहान, अजय सोनी, मन्नी सूरी, नवीन अग्रवाल, विरेन्द्र कुमार बहल, शिवा पालीवाल, राजीव आदिवाल, सचिन तनेजा, ज्ञानचंद सचदेवा, मौ.अजीम, स.लखविन्द्र सिंह, गौरव गुम्बर आदि भारी संख्या में व्यापारी शामिल रहे।

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