अगर मीडिया सूत्रों की माने तो पहली बार बाला साहब ठाकरे के घर से बाहर कोई हीरो निकल कर आया है |
अभी तक महाराष्ट्र में हिंदू हितों की रक्षा करने वाला कोई अगर था तो वह बाला साहब ठाकरे और उनका परिवार |
सरकार के भाजपा को छोड़ने और अन्य दलों का साथ पकड़ने से नाराज एकनाथ शिंदे को उद्धव ठाकरे का बयान और हिंदुत्व से दूर जाना पसंद नहीं आ रहा था ,उन्होंने कहा कि वह बाला साहब द्वारा ट्रेंड किए हुए शिवसैनिक है जो हिंदू धर्म और देश के लिए जान दे सकते हैं |
महाअघाड़ी सरकार के 40 एमएलए का शिव सेना लीडर के पास होना इस बात को बल दे रहा है कि उद्धव ठाकरे से शिवसेना की लीडरशिप छीन सकती है |
आज तक बाला साहब ठाकरे और उद्धव ठाकरे का वफादार रहा एकनाथ शिंदे क्यों कर अलग हो गया इसके लिए महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य को देखने की जरूरत है |
उद्धव ठाकरे के स्वास्थ्य ठीक ना होने पर उनके बेटे आदित्य ठाकरे द्वारा सत्ता चलाना और बचा खुचा अजित पवार द्वारा संभाल लेना एकनाथ शिंदे को पसंद नहीं आ रहा था |
कांग्रेस और एनसीपी अपने अपने हिस्से का आनंद ले रही थी पर सेना के पुरानी और वफादार लोगों को कुछ भी नहीं मिल रहा था कारण से उद्धव सरकार में असंतोष पनपा और अब महाअघाड़ी सरकार के टुकड़े-टुकड़े जाने की संभावना है