केदारनाथ यात्रा के लिए घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण शुरू

Update: 2025-04-12 03:46 GMT



 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित बनाने की तैयारियों में पशुपालन विभाग सक्रिय हो गया है। यात्रा मार्गों पर आने वाले घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए श्रीनगर स्थित रोग अनुसंधान प्रयोगशाला में इनके रक्त सीरम की जांच की जा रही है, जिसमें हॉर्स फ्लू जैसी बीमारियों की जांच शामिल है।

अब तक प्रयोगशाला में पांच हजार से अधिक नमूने जांच के लिए पहुंच चुके हैं। गौरतलब है कि यमुनोत्री, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे तीर्थस्थलों की यात्रा पैदल की जाती है, जहां तीर्थयात्रियों और सामान के परिवहन में घोड़े-खच्चरों की बड़ी भूमिका होती है। हर वर्ष हजारों की संख्या में ये पशु यात्रा मार्गों पर पहुंचते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।

ऐसे में पशुपालन विभाग द्वारा प्रमुख पड़ावों पर इन पशुओं की फिटनेस जांच की जा रही है। पूर्व वर्षों में कुछ मामलों में ग्लैंडर्स और इक्विन इन्फ्लुएंजा के संक्रमण सामने आए हैं, जिनसे अन्य पशुओं में संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। ग्लैंडर्स की पुष्टि होने पर संक्रमित पशु को आइसोलेट कर इच्छामृत्यु देनी होती है, जबकि हॉर्स फ्लू से संक्रमित पशु को क्वारंटीन किया जाता है और 14 दिन बाद पुनः जांच के बाद ही यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन दिया जाता है।

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