योगी सरकार का निर्देश, 'हर विद्यालय की प्रार्थना सभा में डॉ. कस्तूरीरंगन के बारे में बताएं शिक्षक
योगी सरकार का निर्देश, 'हर विद्यालय की प्रार्थना सभा में डॉ. कस्तूरीरंगन के बारे में बताएं शिक्षक
भारत के महान वैज्ञानिक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रमुख शिल्पकार डॉ. के. कस्तूरीरंगन के आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत नौनिहालों के भीतर एक नई चेतना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। दिवंगत डॉ. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सरकार उन्हें नौनिहालों के लिए प्रेरणा का स्थायी स्रोत बनाएगी। डॉ. कस्तूरीरंगन ने भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर स्थापित किया, साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक परिवर्तन लाने का कार्य भी उनकी उपलब्धियों में से एक है। उनके जीवन का हर पल बच्चों के लिए एक पाठ है, "सपनों को साकार करने का, कठिन परिश्रम से महानता प्राप्त करने का।" डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने 28 अप्रैल से उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए प्रदेश के सभी परिषदीय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में डॉ. कस्तूरीरंगन के जीवन, वैज्ञानिक उपलब्धियों और शिक्षा सुधार में योगदान की जानकारी प्रार्थना सभा में देने सम्बन्धी निर्देश जारी किया है। निर्देश के मुताबिक उनका चित्र विद्यालयों में प्रदर्शित किया जाएगा और छात्रों को उनके जीवन मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
बता दें कि योगी सरकार का यह प्रयास है कि शिक्षा के हर स्तर पर गुणवत्ता को ऊंचा उठाया जाए और छात्रों में विज्ञान, गणित और नवाचार के प्रति रुचि जागृत की जाए। बच्चों में 'सोचो, खोजो और कर दिखाओ' की भावना का संचार हो। डॉ. कस्तूरीरंगन के जीवन से हमें क्या मिलता है सबक डॉ. कस्तूरीरंगन का जीवन बताता है कि साधारण पृष्ठभूमि से भी असाधारण ऊँचाइयों तक पहुँचा जा सकता है। इसी संदेश को आत्मसात करते हुए परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को भी बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए उनकी मन:स्थिति तैयार करने की कोशिश है। जानकारों का भी मानना है कि यदि बच्चों को सही मार्गदर्शन, संसाधन और प्रेरणा दी जाए तो आज का परिषदीय छात्र कल का वैज्ञानिक, शिक्षाविद और नीति निर्माता बन सकता है। डॉ. कस्तूरीरंगन के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके सपनों का भारत- ज्ञान आधारित, वैज्ञानिक सोच से ओतप्रोत- तैयार किया जाए।