केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा को लेकर पशुपालन विभाग ने उठाए प्रभावी कदम
रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर संचालित घोड़े-खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा को लेकर पशुपालन विभाग ने प्रभावी कदम उठाएं हैं। सचिव, पशुपालन, डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम ने सचिवालय में इस बारे में पत्रकार वार्ता में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि विभाग ने इस स्थिति से निपटने के लिए जिले में एक मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, दो उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, 22 पशु चिकित्सक और राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के दो वैज्ञानिकों की टीम तैनात की गई है।
इसके अलावा पंतनगर विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी हो रही है। सचिव ने बताया कि यात्रा को सुचारू करने के लिए स्वस्थ और अस्वस्थ घोड़े खच्चरों को चिन्हित किया जा रहा है।
अस्वस्थ घोड़े को यात्रा मार्ग में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाव के चलते उत्तर प्रदेश से आने वाले घोड़ों-खच्चरों पर वर्तमान समय तक पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है।
डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने बताया कि केदार घाटी में घोड़े-खच्चरों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्थानीय लोगों और घोड़े-खच्चर व्यवसायियों ने भी यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों पर लगी रोक को आगे बढाने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि घोड़े खच्चरों का फिर से संचालन के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।