राजस्थान बार काउंसिल ने मंजूरी के लिए सरकार को भेजी गाइडलाइन, जरूरतमंद अधिवक्ताओं की सहायता के लिए 5 करोड़ की दूसरी किस्त भेजने का किया अनुरोध
बार काउंसिल ऑफ राजस्थान ने कोरोना संक्रमण से प्रभावित अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने की गाइडलाइन तैयार की है जिसे राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजते हुए 5 करोड़ की दूसरी किस्त शीघ्र देने का अनुरोध किया गया है। आपको बता दें कि कोविड-19 के दौरान अधिवक्ताओं को वे आर्थिक परेशानी के लिए इस प्रकार के कदम उठाए जा रहे हैं।
काउंसिल की कार्यकारिणी समिति ने 3 जून को सदस्य समिति की रिपोर्ट पर बहुमत मिलने से यह निर्णय लिया था कि ऐसे अधिवक्ता जो कोरोना महामारी से संक्रमित हुए हैं और जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, इसके साथ जिन्होंने घर पर 14 दिन आइसोलेशन में बिताए हैं, उन्हें ₹10000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। सदस्य समिति ने कहा कि जरूरतमंद अधिवक्ताओं को ₹5000 की आर्थिक सहायता भी देने का प्रावधान बनाया गया है।
आपको बता दें कि पूर्व में राज्य सरकार ने स्वीकृत 10 करोड़ की राशि में से 5 करोड़ की प्रथम किश्त स्वीकृत की थी। इस पर बार काउंसिल ने 25 मई को राज्य की समस्त बार संघों को पत्र जारी कर उन अधिवक्ताओं से आवेदन-पत्र आमंत्रित किए, जो राजस्थान अधिवक्ता कल्याण कोष के सदस्य नहीं हैं। इसके तहत ऐसे अधिवक्ता जो 22 मार्च, 2020 या उसके बाद कोरोना महामारी कोविड-19 से संक्रमित हुए तथा वे किसी सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रहे हैं, उन्हें 25 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जानी है।
ऐसे अधिवक्ता जिनकी 22 मार्च, 2020 या उसके बाद कोरोना महामारी कोविड-19 संक्रमित होने पर मृत्यु हुई हैं, उनके कानूनी उत्तराधिकारी को 1 लाख तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जानी है। काउंसिल समिति ने पिछले वर्ष कोविड-19 के चलते काउंसिल ऑफ इंडिया एडवोकेट वेलफेयर फंड से तकरीबन एक करोड़ की धनराशि एवं बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के फंड से तीन करोड़ की धनराशि राज्य के जरूरतमंद अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की गई थी।
नेहा शाह