सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गैस से मारने की जगह बम से मार दो

Update: 2019-11-26 11:30 GMT

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर बिफरे सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ में इस मामले की सुनवाई की और कहा कि लोगों की गैस से मौत हुई से अच्छा एक साथ मार दो।

सुप्रीम कोर्ट के बाहर का निर्देश देने के बाद भी प्रदूषण से निपटने की दिशा में सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर सुप्रीम अदालत ने नाराजगी जताई उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाएं न रोक पाना इन सरकारों की लापरवाही में आता है।

कोर्ट ने जहां एक ओर मुख्य सचिवों को फटकार लगाई वहीं किसानों को भी दोषी ठहराया पर सब कुछ होने के बाद भी जब सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है तो जनता अपने आप को ठगा महसूस करती है।

शायद प्रदूषण को लेकर इतनी सख्त टिप्पणी आज तक किसी और के प्रसिद्ध इसमें नहीं हुई हो पर इतनी सख्त टिप्पणी के बाद भी प्रशासन नहीं जानता है और प्रदूषण को लेकर कोई भी बयानबाजी नहीं होती है उसे सिर्फ मीडिया में एक कोने में जगह मिलती है तो इसी से प्रशासन की और संवेदनशीलता और लोगों के जीवन के प्रति उनके संवेदना को समझा जा सकता है।

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