अर्चना त्रिपाठी
सोवियत रुस के उलान उदे में चल रही विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में भारत की मंजूरानी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बना ली है । 48किग्रा वर्ग में मुक्केबाज़ मंजू रानी पहली बार विश्व चैम्पियनशिप का हिस्सा हैं ।
वह इसी साल राष्ट्रीय शिविर में शामिल हुई हैं । मुक्केबाज़ी के सेमीफाइनल मैच मे छठी वरीयता प्राप्त मंजूरानी ने थाईलैंण्ड की चुटहामत रखसत को 4-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
हालांकि छह बार की चैम्पियन रही भारत की एम सी मैरीकाॅम को इस बार कांस्य से ही संतोष करना पड़ा। तीसरी वरीयता प्राप्त मुक्केबाज़ एम सी मैरीकोम को 51किलो वर्ग में खेलते हुए तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू के हाथों 1-4 से शिकस्त का सामना किया।
हालांकि यह मुकाबला विवादित भी रहा जिसमें भारतीय दल द्वारा रिव्यू मांगे जाने पर अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की तकनीकी समिति द्वारा उनकी अपील खारिज कर दी गयी ।
विश्व चैम्पियनशिप में हार के बावजूद मैरीकोम ने विश्व चैम्पियनशिप में सर्वाधिक पदक जीतने का रिकाॅर्ड अपने नाम किया । यह कांस्य पदक उनका विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में आठवां पदक है।