ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक स्वाोस्य् आ सेवायें उपलब्ध: कराने के लिए निजी क्षेत्र आगे आये :उपराष्ट्रपति

Update: 2019-04-26 06:57 GMT

उपराष्‍ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने युवा चिकित्‍सों और चिकित्‍सा व्‍यवसाय में कदम रखने वालों से कमजोर वर्गों के प्रति दया-भाव रखने तथा हमदर्दी और समझदारी के साथ उनका उपचार करने का अनुरोध किया

उपराष्ट्रपति ने कर्नाटक के बेलागवी में आज केएलई डीम्ड यूनिवर्सिटी के 9वें दीक्षांत समारोह में युवा स्नातकों को संबोधित करते हुए उनसे देश के निर्धनतम व्‍यक्ति तक अच्‍छी चिकित्सा सुविधाएं सुलभ बनाने की आवश्यकता पर बल किया।

स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत पर चिंता व्यक्त करते हुए, श्री नायडू ने कहा कि आबादी का एक बड़ा वर्ग नवीनतम नैदानिक और चिकित्सीय उपकरण प्राप्त करने और कैंसर और हृदय-रोगों जैसे कुछ असाध्य रोगों का इलाज कराने में असमर्थ है।

श्री नायडू ने जैव-नैतिकता, मानविकी और संचार कौशल जैसे विषयों को चिकित्सा पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि युवाओं में उचित कौशल और दक्षता के साथ-साथ पाठ्यक्रम के एक भाग के रूप में निवारक स्वास्थ्य सेवा के आयामों विशेष रूप से योग, आहार और व्‍यायाम भी विकसित हो सकें।

इस अवसर पर केएलई डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और सांसद (राज्य सभा), डॉ. प्रभाकर कोरे,विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. विवेक ए. साओजी, प्रबंधन बोर्ड के सदस्य, संकायों के डीन, संस्‍थाओं के प्रमुख,विश्‍वविद्यालय के अधिकारी, संकाय सदस्य, छात्र और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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