कुरान के अपमान पर हिन्दू देवी का अपमान करना कौन सा धार्मिक आचरण है
सम्पादकीय सलाहकार : प्रो. गोविन्द जी पाण्डेय के साथ बातचीत पर आधारित बांग्लादेश में कुरान के अपमान होने की खबर पर भड़की हिंसा में अब सच सामने आ गया है...
सम्पादकीय सलाहकार : प्रो. गोविन्द जी पाण्डेय के साथ बातचीत पर आधारित बांग्लादेश में कुरान के अपमान होने की खबर पर भड़की हिंसा में अब सच सामने आ गया है...
सम्पादकीय सलाहकार : प्रो. गोविन्द जी पाण्डेय के साथ बातचीत पर आधारित
बांग्लादेश में कुरान के अपमान होने की खबर पर भड़की हिंसा में अब सच सामने आ गया है | एक मुस्लमान ने ही हिन्दुओ के खिलाफ षड्यंत्र रचा और निर्दोष हिन्दुओं का बांग्ला देश में क़त्ल किया गया | इस मुद्दे पर बचपन एक्सप्रेस संवाददाता की प्रो. गोविन्द पाण्डेय से बातचीत का अंश -
प्र ० आप हाल में हुई बांग्लादेश की हिंसा को किस तरह से देखते है
देखिय पुरे विश्व में धार्मिक उन्माद जोर पर है और खासकर उन देशो में जहाँ इस्लामिक शासन है वहा पर अल्पसंख्यको का बुरा हाल है | हालाकि बांग्लादेश में हिन्दू कुछ बेहतर हालत में थे पर वहा पर पिछले कुछ दिनों से बढती कट्टरता के कारण अल्पसंख्यको पर हमले बढ़ गए है | बांग्लादेश की सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए |
प्र ०क्या बांग्लादेश में हालात बदलेंगे ?
बांग्लादेश सहित पुरे विश्व में इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण हालत और ख़राब होगी | अगर कुरान के अपमान के कारण आपको ये हक मिल जाता है की हिन्दू देवी देवता की मूर्ति तोड़े या फिर उनका अपमान करे तो दुसरे धर्म के लोग भी इसी तरह का मुद्दा बना कर हिंसा कर सकते है इसलिए सभी को हर धर्म के लोगो का आदर करना चाहिए | कुरान का अपमान करने की बात कर के आप करोडो हिन्दुओं की भावना से नही खेल सकते |
प्र ० बांग्लादेश में हिन्दुओ पर बढ़ते अत्याचार को आप किस तरह देखते है ?
देखिये बांग्लादेश का जन्म मुस्लिम द्वारा भाषीय आधार पर दुसरे मुश्लिम का क़त्ल करने के कारण हुआ | बांग्लादेश के मुसलमानों को पाकिस्तान द्वारा मारा गया और उनका खात्मा हो गया होता अगर भारत ने बीच में आकर उनकी मदद न की होती | पर बांग्लादेश में एक बड़ा तबका है जो धार्मिक आधार पर शरियत लागू करना चाहता है | शेखहसीना सरकार को भारत से काफी समर्थन मिलता है जिसके कारण मुस्लिमो का वो वर्ग जो बांग्लादेश बनने का ही विरोध करता था वो अब सक्रिय हो चुका है | अब ये बांग्लादेश की सरकार को देखना है की उनसे कैसे निपटा जाए |
प्र ० बांग्लादेश में अमूमन शांति रही है पर तसलीमा नसरीन जैसे लेखको को अपना देश छोड़ भागना पड़ा , आप इसको कैसे देखते है ?
बांग्लादेश में एक काफी बड़ा वर्ग है जो बांग्लाभाषी मुस्लमान है और वो अपने सांस्कृतिक पहचान को भारत के पश्चिम बंगाल से जोड़ कर देखता है| ये वर्ग उतना कट्टर नही है | पर जो उर्दू बोलने वाले मौलाना है और जिनके मदरसों में शरियत की शिक्षा दी जा रही है वो बांग्लादेश के मूल संरचना के खिलाफ है | वो सांस्कृतिक पहचान की जगह इस्लामिक राज स्थापित करना चाहते है | वो अपने आप को पाकिस्तान के साथ जोड़ कर देखते है जहाँ पर अल्पसंख्यको को ख़त्म कर दिया गया है | हिन्दू या तो पाकिस्तान छोड़ कर भाग गये या फिर दोयम दर्जे के नागरिक है , उसी तरह का कुछ काम इस्लामिक कट्टरपंथी बांग्लादेश में चाहते है |
प्र ० बांग्लादेश में इस्लाम के बढ़ते प्रभाव का भारत पर क्या असर पड़ेगा ?
भारत में बहुत भारी संख्या में मुस्लिम,इसाई और अन्य धर्म के मानने वाले लोग रहते है | इन सभी लोगो को भारत के लोकतंत्र में निष्ठा है | पर यहाँ भी राजनैतिक कारणों से अल्पसंख्यको को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया | नागरिक की तरह व्यवहार करने पर उनके अंदर भारत के गणतंत्र के लिए सम्मान की भावना आएगी | पर उनमे से कई कट्टर भारत में भी शरियत की वकालत करते है | अगर बांग्लादेश और पाकिस्तान में कट्टरता बढ़ी तो हिन्दू कट्टरता में भी बढ़ावा होगा और ये दोनों समुदायों के बीच हिंसा का कारण बन सकता है | हालाकि हिन्दू काफी संयमित रहता है नहीं तो अब तक कोई और धर्म के लोग होते तो बांग्लादेश में हिन्दू देवी के अपमान में यहाँ बवाल हो जाता | पर भारत में हिन्दुओ की ख़ामोशी उनके सहनशीलता को प्रदर्शित करती है | पर अगर ये अत्याचार बढेगा तो हिन्दू कब तक सहेगा इसके बारे में कुछ कहाँ नही जा सकता |