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  • फिल्मों को पढ़ने का तरीका विस्तार से पढ़ने के लिए आप जुड़े रहे बचपन एक्सप्रेस के साथ।

    जबसे फिल्मों का विकास हुआ है तब से अब तक फिल्म को समझने और उसके बारे में लिखने के तरीके में काफी बदलाव आया है। फिल्म का इतिहास भारत में विश्व के इतिहास के साथ चलता रहा है 1895 में जब लुमियर ब्रदर्स ने फ्रांस में अपनी फिल्मों का प्रदर्शन किया उसके कुछ दिनों बाद ही 1896 में भारत में लुमियर ब्रदर्स ने...

  • "सूत के धागे से स्वराज्य" : डा. प्रविता त्रिपाठी

    स्वराज्य एक पवित्र ,वैदिक शब्द है जिसका अर्थ आत्म शासन तथा आत्म नियंत्रण न कि सभी बंधनों से मुक्ति। हमारा देश महापुरुषों और महात्माओं की जन्मस्थली रहा है।हमारे देश पर जब जब काल के बादल गहराते गए तब तब राम ,कृष्ण,गौतम,गांधी जी ने अवतार स्वरूप इस पावन धरती पर जन्म लिया। जब देश परातंत्रता की वेडियों...

  • विपक्ष के जाल को तोड़ने के लिये बीजेपी उठाएगी बड़ा कदम, तैयार किया मसौदा

    देश- बीजेपी साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। बीजेपी का एक मात्र उद्देश्य अपना वोट बैंक मजबूत करना और केंद्र की सत्ता में पुनर्वापसी करना है। भाजपा की नजर सिर्फ लोकसभा चुनाव पर ही नहीं बल्कि उन 19 राज्यों पर भी है जहां विधानसभा चुनाव होने को है।इस बार भाजपा विपक्ष की...

  • सपना : हरियाणवी कविता

    सपनालेखक : रणवीर दहिया के बूझैगी कमला घणा कसूता सपना आया।।सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।1एक संसार मैं सोया था उठया दूजे संसार मैंपाया पेरिस कोण्या उतना रोमांटिक प्यार मैंन्यूयार्क पै भी दीखै आज काला बादल छाया।।सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।2किला चीनी दीवार का चौड़े मैं दीखै...

  • अग्निपथ के विरोध में सड़को पर हुआ बवाल चार साल की नौकरी क्या सच मे है खिलवाड़

    अग्निपथ स्कीम क्यों युवाओं को खटकी Protest of Agnipath Scheme :- केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम को लेकर पूरे देश मे प्रदर्शन जारी है। युवा जगह जगह सड़को पर उतर पर केंद्र सरकार का विरोध कर रहा है वही विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर अपना सियासी तानाबाना बुन रही है और इसे छलावा बताकर मोदी सरकार पर बरस पड़ी है।...

  • ''बिहार में छात्रों का बवाल कितना उचित/अनुचित ?''........

    केंद्र सरकार की सेना में ''अग्निपथ'' योजना के अंतर्गत चार वर्ष के लिए जवानों की भर्ती के विरोध में बिहार में छात्रों का बवाल शुरू हो गया. उनका कहना है कि पहले दो साल से सेना में भर्ती के मामले को बहाल किया जाकर भर्ती आरम्भ की जाए. क्योंकि अभ्यर्थियों की उम्र बार (एज बार) हो रही है. उनका कहना सही है....

  • ''बेरोजगारों से न वसूलें आवेदन शुल्क"......

    सरकारी और गैरसरकारी नौकरी के लिए १०० या उससे भी अधिक शुल्क आवेदन करने पर वसूला जाता है. यह बंद होना चाहिए. क्योंकि एक तरफ बेरोजगारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती, दूसरे उन्हें बेरोजगारी का तनाव रहता है, तीसरे नौकरी के लिए उन्हें जगह-जगह आवेदन करना पड़ता है. नौकरी मिलने तक वे एक ओर भटकते रहते हैं...

  • ''केरोसीन नहीं, फूल बरसेंगे''.....

    राहुल जी विदेशों में जाकर मोदी सरकार (भारत सरकार) पर चाहे जितना केरोसीन फैलाओ या पेट्रोल छिड़को किन्तु दिल्ली के सिंहासन पर जब तक मुस्कुराते हुए ''कमल'' की सरकार विराजमान रहेगी तब तक तो पूरे देश में जन-जन के आशीर्वाद से ''फूल'' ही बरसेंगे........ पूजा नेनावा साहू

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