*रूस ने मनमानी कर आखिरकार थोप ही दिया युद्ध*
पुतिन को अमेरिका सहित विश्व के अनेक देशों के दबाव और समझाइश के बावजूद रूस अपने मन का करने में सफल हुआ।युद्ध किसी भी विकसित और विकासशील देश के लिए...
पुतिन को अमेरिका सहित विश्व के अनेक देशों के दबाव और समझाइश के बावजूद रूस अपने मन का करने में सफल हुआ।युद्ध किसी भी विकसित और विकासशील देश के लिए...
पुतिन को अमेरिका सहित विश्व के अनेक देशों के दबाव और समझाइश के बावजूद रूस अपने मन का करने में सफल हुआ।युद्ध किसी भी विकसित और विकासशील देश के लिए विनाशक है।युद्ध से तबाही का अंदाजा नही लगाया जा सकता है।पुतिन ने अमेरिका को चैलेंज करते हुए यूक्रेन पर हमला कर दिया।ये सभी समृद्धिशाली देश है फिर भी युद्ध की विभीषिका से मचने वाली तबाही से देश कई वर्षो तक विकास नही कर सकता है।रूस पर अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है।उससे पुतिन को कोई फर्क नही पड़ता है।यूएसए की विशिष्टता और धाकअब नही रही है।वैसे भी बाइडन शांत नेता है।पुतिन ने कीमिया पर कब्जा कर लिया था उस दौरान भी दुनिया धमकी दे रही थी।
वैश्विक नेता रूस को सजा देने की बात कर रहे है।लेकिन पुतिन के पास दुनिया से ज्यादा ताकतवर सैन्य उपकरण है।अणु और परमाणु सम्पन्न रूस को कोई फर्क नही पड़ता है।हालांकि भारत ने दखलंदाजी करना बंद कर दिया।उससे जाहिर है कि जब रूस् अमेरिका की नही मानता है तो भारत को इंटरफेर कर मनमुटाव करना कहा तक उचित है।जर्मनी ने गैस पाइपलाइन रोकने की कार्रवाई शुरू की है।परंतु रूस के पास वैकल्पिक व्यवस्था है।उससे पूरी व्यवस्था कर हमला करने की तैयारी की है।अमेरिका की घटती लोकप्रियता और आर्थिक व्यवस्था में दूसरे पायदान पर सिमटे अमेरिका की ताकत को रूस ने भांप ली है।अमेरिका और रूस की तनातनी में युक्रेन का मददगार बनकर उभरने वाले अनेक देशों से आपसी खींचतान संभव है।युद्ध के कारण दुनिया के प्रवासियों को लाने के लिए सभी देशों ने कवायद शुरू कर दी है।दुनिया भर में युद्ध से हड़कम्प मच गया है।जिससे विश्व मे मंदी पसरने और खाद्द सामग्री पर विपरीत असर दिखना आगामी दिनों में शुरू हो जाएगा।
*कांतिलाल मांडोत *