यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ता विवाद.... चिंता का विषय

  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ता विवाद.... चिंता का विषय

क्योंकि अमेरिका ने यूक्रेन को नाटो देशों के संघ में शामिल कराना चाहा था इससे रूस यूक्रेन से नाराज हो गया कारण आज रूस नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य हो। इसके लिए उसने यूक्रेन को कई बार धमकाया भी और समझाया भी‌‌ कि वह नाटो के संग शामिल नहीं हो। वैसे अभी के समय में यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं बना है मगर यूक्रेन अमेरिका के कहने में आकर सदस्य बनने की जिद करता रहा है।अतः इसी बात से नाराज होकर रूस ने यूक्रेन पर आज हमला कर दिया है और उसकी सेना यूक्रेन में काफी अंदर तक घुस गई है उसने यूक्रेन के कई हवाई अड्डों को मिज़ाइल से तबाह कर दिया है। आज यूक्रेन के कई विद्रोही रूस की सेना से मिल गए हैं। आज यह बात तय है कि यूक्रेन को अमेरिका ने हि युद्ध के जंजाल में फसाया है। आज जो भी हाल यूक्रेन का हो रहा है उसके लिए अमेरिका एवं उसके सहयोगी देश ही जिम्मेदार है जिनमें फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी आदि शामिल है‌।आज यूक्रेन को रूस से लडाकर अमेरिका दूर से हि रूस को धमकियां दे रहा है परंतु उसका एक भी सैनिक यूक्रेन की मदद को नहीं आया है।आज रूस ने यूक्रेन के एक दो शहरों पर कब्ज़ा कर लिया है ।कई हवाई अड्डों को मिज़ाइल से नष्ट कर दिया है एवं अब शीघ्र हि वह उसके चेरनोबल परमाणु केंद्र पर भी कब्जे करने की फिराक में हैं जोकि एक बड़ी बात है ।रूस आज एक बड़ी महाशक्ति है उसके सामने यूक्रेन एक छोटा सा बच्चा देश है जिसकी रूस के आगे कोई बिसात नहीं, कोई भी औकात नहीं है। इस हमले के कारण आज यूक्रेन में बदहवासी का आलम है वहां एक तरह से आज भागमभाग मची हुई है ।


वैसे अभी भी यह संभव है कि अगर यूक्रेन यह घोषणा कर दें कि वह नाटो देश का सदस्य नहीं बनेगा तो शायद रूस की उस से नाराजगी दूर हो सकती है इसी तरह से आज रूस जो आज विश्व में एक बड़ी महाशक्ति है तो वह अपने पड़ोसी देशों से संबंध अपने हिसाब से रखना चाहता है मगर यूक्रेन ने उसके साथ सहयोग नहीं किया। अतः क्योंकि आज सब कुछ पावर गेम का खैल है अतः इसमें छोटे देशों का ही मरण है । फिर अमेरिका एवं रूस दोनों ही आज बड़ी पावर महाशक्ति है जो विश्व के छोटे-छोटे देशों को अपने खेमे में रखना चाहते हैं ताकि उनकी विश्व में धाक जमी रहे ।रूस ने यूक्रेन पर हमला करने से पहले कई -कई दौर की बातचीत एवं उसे समझाने का भी प्रयास किया मगर इधर अमेरिका यूक्रेन को लगातार मदद का भरोसा देकर नाटो देशो के संघ में आने को कहता रहा ।बस यही बात है जिससे रूस की नाराज़गी काफी बढ़ गई एवं फिर उसने यूक्रेन पर हमला कर दिया। दुखी होकर आज यूक्रेन के राष्ट्रपति ने हमारे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे गुहार लगाई है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें एवं रूस को मनाए कि वह यूक्रेन से हट जाऐ।अब देखना हैं कि अब प्रधानमंत्री मोदी का इस क्षेत्र में क्या रुख रहता है।


कारण हमारे देश के भी आज हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं उनकी जिंदगी को बचाना हमारा भी दायित्व हो जाता है। विश्वास है भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनकी आज विश्व में एक साख है वे इस युद्ध को रोकने में कोई न कोई महत्वपूर्ण कदम अवश्य उठाएंगे ‌। उनके लिए आज एक सुनहरा अवसर है कि विश्व में महा गुरु बनने का।अतः उन्हें इस अवसर का अवश्य लाभ उठाना चाहिए।

*मनमोहन राजावत"राज"

नई सड़क, एमपी, शाजापुर

Next Story
Share it