रूस यूक्रेन युद्ध को रोकने की नीति रीति जरूरी
विगत तीन दिनों से रूस यूक्रेन के बीच जंग में यूक्रेन की तबाही का ख़ौफ़नाफ़ मंजर देश दुनिया मे सोचने पर मंजूर करता है कि आखिर युद्ध से सफलता प्राप्त करना...
विगत तीन दिनों से रूस यूक्रेन के बीच जंग में यूक्रेन की तबाही का ख़ौफ़नाफ़ मंजर देश दुनिया मे सोचने पर मंजूर करता है कि आखिर युद्ध से सफलता प्राप्त करना...
विगत तीन दिनों से रूस यूक्रेन के बीच जंग में यूक्रेन की तबाही का ख़ौफ़नाफ़ मंजर देश दुनिया मे सोचने पर मंजूर करता है कि आखिर युद्ध से सफलता प्राप्त करना हो तो फिर विश्व के देशों की इस भीषण आपदा की घड़ी में क्या भूमिका..? चारो तरफ बर्बादी का मंजर , जनहानि चीख पुकार मातम का दिल दहलाने वाला मंजर , निर्दोषों की जान व अपनो से बिछड़ने का दर्द। क्या युद्ध ही समस्या का हल है। प्रभावित जंग में दोनों देशों को समस्त पहलुओं से जो भारी नुकसान व जनहानि की रिक्तता को भरने में कितने वर्ष लग जाएंगे यह कभी सोचा। अन्य देशों को बिल्कुल आगे आना चाहिए। दोनो देशो की समस्याओं का समाधान बातचीत व सामंजस्य बिठाकर करना चाहिए। युद्ध से अगर प्राप्त हुआ तो बर्बादी व पतन।
परन्तु एक देश को विकसित विकाश शील होने में कितना समय लगता है। इस पर भी मंथन जरूरी है। आधुनिक समय वर्तमान समय प्रगति व उत्थान का समय है युद्ध से कितना पीछे हो जाएंगे ये देश यह भी सोचना जरूरी है। कुछ भी हो सभी देश मिलकर दोनो देशो में शांति भाईचारे व सौहार्द का माहौल निर्मित करने में कारगर रणनीति तैयार करे। यूक्रेन की जनता को ख़ौफ़नाफ़ माहौल से मुक्त करें। शाँति व सद्भावना का दौर निर्मित करे। इसमे कोई दो मत नही युद्ध से कहि देशो की आर्थिक व्यवस्था , व महंगाई पर बुरा प्रभाव होता है। इतिहास गवाह है युद्ध से हासिल कुछ भी नही हुआ। थोड़ा बहुत पाने की लालसा में बहुत कुछ खत्म हो जाता है। अच्छा तो यही होगा विश्व के अन्य देश इस विरोधाभास की आग को सुझबुझ से शांत करे। व दोनो देशो की सुलह करवाकर जीवन की मुख्य धारा में शामिल करें। क्या अन्य देशों द्वारा सकारात्मक पहल की जाएगी..?