यूक्रेन की मदद के लिए आगे आए अन्य देश*
पुतिन की मनमानी और बचकानी हरकतों से यूक्रेन को तहस नहस किया जा रहा है।हर बड़ी मछली छोटी मछली पर हमला करती ही है।यूक्रेन ने भारत से आजिजी की है। इसके...
पुतिन की मनमानी और बचकानी हरकतों से यूक्रेन को तहस नहस किया जा रहा है।हर बड़ी मछली छोटी मछली पर हमला करती ही है।यूक्रेन ने भारत से आजिजी की है। इसके...
पुतिन की मनमानी और बचकानी हरकतों से यूक्रेन को तहस नहस किया जा रहा है।हर बड़ी मछली छोटी मछली पर हमला करती ही है।यूक्रेन ने भारत से आजिजी की है। इसके पूर्व मोदी ने पुतिन से टेलीफोनिक बातचीत कर युद्धविराम की अपील भी की है लेकिन रशिया अपने ही बात मनवाने के लिए अड़ा हुआ है।दुनिया दो विश्व युद्ध देख चुकी है।कई वर्षों तक जंग लड़ी गई।लाशों के ढेर देखे गए और अरबो खरबो रुपए का नुकसान झेलना पड़ा था।यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ने से दुनिया दो पाटों के बीच फस गई है।इसी तरह युद्ध चलता रहा है तो यूक्रेन नेस्तनाबूद हो जाएगा।रूस यूक्रेन की राजधानी कीव को निशाना बनाया है।राजधानी कीव पर कब्जा हो जाने के बाद अफगानिस्तान की दशा हुई उसी तरह यूक्रेन की भी हो सकती है।दुनिया के देशो ने मध्यस्ती की है और रूस ने प्रतिनिधि मंडल भेजकर बातचीत के लिए एक टेबल पर आने का निमंत्रण दिया है।इससे कुछ समस्या सुलझती है तो यूक्रेन और दुनिया के लिए बहुत अच्छा संकेत है।विस्फोटों और गोलीबार की बौछारों से वातावरण तंग बन गया है।अंतराष्ट्रीय स्तर पर शांति बनाए रखने के लिए यूरोप और अमेरिका ने पाबंदी लगा दी है।बंकरों के नीचे दबकर अपनी जान बचाई जा रही है। सुरक्षा के लिए भारत के प्रवासियों के परिजनों को चिता खाए जा रही है।विश्व की बड़ी ताकत ब्रिटेन ने आधी दुनिया पर राज किया था।उस्की विघटनकारी ताकत को समय आने पर उखाड़ फेंका था।अमेरिका भी तो गुलाम रहा है।ये ढाई सौ वर्ष पूर्व गुलाम था।अमेरिका 4 जुलाई 1776 को आजाद हुआ था।कोरोना महामारी से दुनिया परेशान हुई है।कोरोना की महामारी से दुनिया बाहर ही नही निकली कि पुतिन ने यूक्रेन पर हमला कर दिया।आज के समय मे कोई भी देश हमला करने में सक्षम नही है।भारत ने पुतिन से युद्ध बंद करने की अपील की है।
मोदी की बात भी नही मानने वाले रूस को नसीहत देना बेकार है।ईरान ने रूस का साथ दिया है।इसी तरह लाशों के ढेर यू ही चलते रहे और पुतिन अपने जिद्द पर ही अड़ा रहा तो यूक्रेन की तबाही से दुनिया हिल जाएगी।पुतिन विश्व युद्ध की और बढ़ रहे है उनको आपसी रंजिश को खत्म कर शांतिवार्ता के लिए आगे आना चाहिए।पुतिन के अपने देश के लोग सड़कों पर उतर कर युद्ध का विरोध जताया है ।जनता यह कह रही है कि यूक्रेन के साथ हमारे अच्छे संबंध थे ।यूक्रेन के साथ अचानक युद्ध करने का क्या औचित्य है?युद्ध बंद करने के लिए रशियन सड़क पर आते दिखे।युद्ध विनाशकारी है।दोनों देशों के रिस्ते मजबूत बने उसके लिए सहमति जरूरी है।