यूपी में राजनीतिक जमीन खो चुकी बसपा
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में बड़ा उलटफेर करते हुए लगातार दूसरी बार सरकार गठन करने वाली है। प्रमुख विपक्षी दल के रूप समाजवादी पार्टी अब पांच साल भूमिका...
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में बड़ा उलटफेर करते हुए लगातार दूसरी बार सरकार गठन करने वाली है। प्रमुख विपक्षी दल के रूप समाजवादी पार्टी अब पांच साल भूमिका...
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में बड़ा उलटफेर करते हुए लगातार दूसरी बार सरकार गठन करने वाली है। प्रमुख विपक्षी दल के रूप समाजवादी पार्टी अब पांच साल भूमिका निभायेगी। लेकिन इस विधान सभा चुनाव में सबसे ज्यादा दुर्गति बहुजन समाज पार्टी की देखने को मिली। 2017 के विधान सभा चुनाव में दो अंको में पहुँची बसपा 2022 के विधान सभा चुनाव में धूल की भांति उड़ गई । स्थिति यह रही की उनका वोट प्रतिशत गिरकर तेरह फीसद ही रह गया और उन्हें मात्र एक सीट पर संतोष करना पड़ा,और बाकी सीटों पर अपने अस्तित्व के लिए जद्दोजहद करती दिखी। चार बार सूबे की निजामत संभालने वाली बसपा सुप्रीमो ने कभी कल्पना नहीं की होगी की जनता उनको इस तरह नकार देगी। 2007 के विधान सभा चुनाव में जिस तरह मायावती ने सोशल इंजनियरिंग के दम पर सरकार बनाई उसकी पुनरावृत्ति फिर से कभी नही हो पाई। इसके बाद से ही निरंतर इनका ग्राफ गिरता गया। हालांकि सपा के साथ गठबंधन कर उन्होंने वापसी का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं रहीं।
लंबे समय से बनवास झेल रही मायावती इस पूरे विधान सभा चुनाव में कहीं भी उत्साह के साथ दम भरती नज़र नही आईं।इस बार प्रचार की कमान सतीस चंद मिश्रा के ही हाथों में रही।मायावती प्रचार प्रसार में भी काफी पीछे रही।।नतीजा ये रहा की उनका बेस वोट बैंक भी बिखर गया।अब जिस तरह यूपी विधान सभा चुनाव में बसपा कमजोर हुई है उससे स्पष्ट है कि वह सूबे में अपनी राजनीतिक ज़मीन खो चुकी है। शिवेन्द्र यादव- उत्तर प्रदेश