आग बरसाती हवाएं, लोगो के जीवन पर प्रभाव
देश मे जलवायु परिवर्तन का अहसास करा रही मार्च की गरमी से हाल बेहाल है।तापमान के उतार चढ़ाव से लोगो के जीवन प पर भारी प्रभाव छोड़ रहा है। होली मनाई जा...
देश मे जलवायु परिवर्तन का अहसास करा रही मार्च की गरमी से हाल बेहाल है।तापमान के उतार चढ़ाव से लोगो के जीवन प पर भारी प्रभाव छोड़ रहा है। होली मनाई जा...
देश मे जलवायु परिवर्तन का अहसास करा रही मार्च की गरमी से हाल बेहाल है।तापमान के उतार चढ़ाव से लोगो के जीवन प पर भारी प्रभाव छोड़ रहा है। होली मनाई जा रही है और धुलण्डी में गुजरात के अनेक जिलों में 41 डिग्री गरमी से लोग बेहाल है।इस वर्ष अप्रैल की गरमी मार्च में पड़ रही है।हिटवेव से जनजीवन प्रभावित हुआ है।कई राज्यो में तापमान 40 डिग्री तक पहुँचने से जीवन पर असर हुआ है।यह एक खतरे की दस्तक जरूरी है।जो लोगो के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है।तापमान में आ रहे भारी बदलालो से लोगो के जीवन और दिनचर्या और महंगाई से जीवन प्रभावित हो रहा है।अचानक तपती धरती और गर्म हवाओं के थपेड़ों ने गिष्म ऋतु की शुरुआत में ही कहर बरपाना शुरू कर दिया है।
गर्मी के कारण लोग घरों से बाहर निकलना भी मुनासिब नही मानते है।लू की खबरे जून की जगह मार्च में ही आने लग गई है।हमे अपने और अपने परिजनों के सेहत की देखभाल करनी है।देश मे पहाड़ी राज्यो का तापमान दो से तीन डिग्री तक बढ़ गया है।अप्रेंल के पहले सप्ताह में ही हिट वेव का कहर लोगो के जीवन को प्रभावित कर सकता है।इस वर्ष गरमी का भीषण दौर बाकी है और आगामी दिनों में तपती धरती से हाल बेहाल होगा।लोगो का अनुमान है कि गर्मी के बाद जून जुलाई की बारिश भी ज्यादा होती है।गर्मी का भीषण दौर बाकि है और ये गर्म हवाओं की शुरुआत है।भीषण गर्मी और लू प्राकृतिक आपदा नही है।लू से मरने वाले की तादात पिछले दो दशक से बढ़ रही है।गरमी से बचाव के लिए शीतल पेय और नारियल पानी का उपयोग कर रहे है।गरमी के तेवर बढ़ते जा रहे है।ऐसे में अपनी देखभाल स्वयं करनी है।
*कांतिलाल मांडोत *