लालू प्रसाद के क्रिएटनीन लेवल के कारण रांची रेफर किया,इलाज लागू हो यही सभी की कामना*

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लालू प्रसाद के क्रिएटनीन लेवल के कारण रांची रेफर किया,इलाज लागू हो यही सभी की कामना*


बिहार में लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में बहुत उतार चढ़ाव देखा गया था लालू अपनी भड़ास निकालने के लिए किसी भी नेता को नही छोड़ते थे।केंद्र में मंत्री बनने के बाद लालू का कलेवर बदल गया था।तेज गति से दौड़ने वाली रेलगाड़ियों और साइबर कैफे के प्रति पैदा हुए लालू के नए आकर्षण ने राजनीति के प्रति उनका समूचा दृष्टिकोण ही बदल दिया।उंन्होने महारैली और महारैलियो से हटकर उंन्होने खुद को अदालतों और सीबीआई की और मोड़ दिया।लालू का महज बदलाव कुल्लड़ और खादी जैसे प्रतिकात्मक परिवर्तनों तक ही सीमित नही था।लालू के चारे घोटाले पर राजग ने भी लालू के प्रहार के लिए अदालतों जैसे कानूनी हथियारों का पूरा पूरा इस्तेमाल किया था।बिहार में कुछ समय के लिए राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।लालकृष्ण आडवाणी,यशवंत सिन्हा नितीश कुमार और नरेंद्र मोदी पर भी आरोप लगाने से नही बचे।यशवंत सिन्हा पर तो सरसो तेल घोटाला का आरोप लगाया था।नीतीश कुमार पर 200 करोड़ का आरोप लगाया।लालू की करनी और कथनी अलग है।लालू को करनी की सजा मिली है।


इसमें किसी का भी दोष नही है।कर्म किसी को छोड़ता नही है।रेल मंत्रालय ने लालू को एक चरवाहे से आधुनिकतावादी इंसान में तब्दील कर दिया।लालू फिर तिकड़मबाजी करने लगे थे।परिवार में मुखिया की चाल ढाल ईमानदार होती है तो परिवार के बच्चे भी सही कदम पर चलते है।लालू के घर मे दोनॉ भाइयों का आपस मे नही बनता है।यह लालू के लिए कितनी गंभीर समस्या है।लालू का आत्मविश्वास घोटाले करने में बढ़चढ़ जाता है।इस उम्र में लालू को रिम्स से एम्स शिफ्ट करना कितना मुश्किल है।लालू को दिल्ली से फिर रांची रेफर किया गया है। लालू के भाई वीरेंद्र ने केंद्र और राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वो दिल्ली में बीमार लालू को भर्ती नही किया जा रहा है।लालू प्रसाद की हत्या की साजिश रची जा रही है।क्यो किसलिए राज्य और केंद्र सरकार लालू की हत्या की साजिश रचना चाहती है।उनको लालू की हत्या से क्या फायदा है।बीमार व्यक्ति को कोई नही मारता है।यह असंभव है।विशेषज्ञों के समझ के बाहर इलाज कैसे हो सकता है।इसलिए रांची रेफर किया है।

*कांतिलाल मांडोत *

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