पंजाब फतह के बाद राजस्थान में जनता को हसीन सपने दिखाने पहुंचे अरविंद केजरीवाल*

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पंजाब फतह के बाद राजस्थान में जनता को हसीन सपने दिखाने पहुंचे अरविंद केजरीवाल*


आम आदमी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब में जीत के बाद 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर तिरछी नजर है।दिल्ली के बाद मतदाताओ ने पंजाब में एक बार मौका जरूर दिया है।इस बार तेजी से समीकरण आप के पक्ष में रहे है।पंजाब में उस कमजोर नब्ज पर हाथ रखकर चुनाव जीता है।राजस्थान में केजरीवाल को चने चबाने पड़ेंगे।राजस्थान की जनता ठोक बजाकर माल खरीदती है।जिस तरह से केजरीवाल ने दी कश्मीर फाइल्स की मजाक उड़ाई और 293 कश्मीरी पंडितों को बतौर शिक्षक की नॉकरी देने की जूठी वाहवाही लूटने की कोशिश की है।इस पर जनता केजरीवाल से नाराज है।हाईकोर्ट के फैसले को नही मानने वाले केजरीवाल पर राजस्थान की जनता भरोसा कैसे कर सकती है?केजरीवाल के पिछले कार्यकाल में उनके ही कैबिनेट मंत्री ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।पंजाब में किसानों का मुद्दा, ड्रग्स को निकालना,मोहल्ला क्लिनिक की तर्ज पर स्वास्थ्य सुविधाएं आदि का वादा किया।सामाजिक आंदोलन से अन्ना हजारे को पीछे छोड़कर राजनीति में आए केजरीवाल ने आम लोगो को सपने खूब दिखाए है।लोग सच का सामना कर रहे है।राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है।कई वर्षों से भाजपा कांग्रेस बारी बारी से आती है।केजरीवाल ने करीब एक हजार लोगों को लिस्ट बनाकर आम आदमी की सदस्यता दी है।उधर कांग्रेस भी डिजिटल सदस्यता अभियान चलाकर युवाओ को जोड़ रही है।पंजाब की तरह राजस्थान में केजरीवाल पार्टी की जीत के सपने लेकर गए है।लेकिन मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की भरपूर कोशिश की जा रही है।पंजाब में कांग्रेस के शासन से हताश जनता ने तीसरा विकल्प चुना था।युवाओ का भी झुकाव देखने को मिला था।उसी सफलता को भुनाने केजरीवाल धोरा की धरती के मतदाताओं को रिझाने निकले है।राजस्थान में कोई दावा भी नही किया जा सकता है।कांग्रेस में रेप के केस, भ्रष्टाचार, दलितों गरीबो पर अत्याचार,साइबर अपराध जैसे अनेक ज्वलंत समस्याओं से परेशान जनता को मरहम लगाने का काम केजरीवाल करेंगे।राजस्थान में आम आदमी पार्टी को काफी मेहनत करनी पड़ेगी।क्योकि तीसरी पार्टी को एकदम स्वीकारना टेडी खीर है।केजरीवाल को बाहर का आदमी बताकर पंजाब में जिस तरह से नकारने की कोशिश की गई थी उसी तरह राजस्थान में भी हो सकता है।गुजरात मे तो मुंगेरीलाल के हसीन सपने देखने वाले केजरीवाल को सफलता मिलनी नामुमकिन है।क्योकि गुजरात भाजपा का गढ़ है।इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी और अगर सफलता मिल भी जाती है तो कांग्रेस के वोट आम आदमी पार्टी की झोली में जा सकते है।राजस्थान में अशोक गहलोत इस समय चुनाव की तैयारी में है।अनेक प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओ को लागू कर आम जनता को फायदा दे रहे है।परंतु भाजपा की वसुंधरा ने पते नही फेंटे है।वो आएगी तब सबकी क्लास जरूर लेगी।तब त्रिकोणात्मक मुकाबले ने मजा जरूर आएगा।

*कांतिलाल मांडोत *

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