ब्रिटिश सरकार ने लागू किया अफ्सपा कानून तीन राज्यो से हटाया ,लोगो को राहत
केंद्र सरकार ने तीन राज्यो के कई इलाकों में लागू अफ्सपा कानून को वापस ले लिया गया है।1 अप्रैल से अफ्सपा कानून प्रभावी हो गया है। कानून की आड़ मे...
केंद्र सरकार ने तीन राज्यो के कई इलाकों में लागू अफ्सपा कानून को वापस ले लिया गया है।1 अप्रैल से अफ्सपा कानून प्रभावी हो गया है। कानून की आड़ मे...
केंद्र सरकार ने तीन राज्यो के कई इलाकों में लागू अफ्सपा कानून को वापस ले लिया गया है।1 अप्रैल से अफ्सपा कानून प्रभावी हो गया है। कानून की आड़ मे सुरक्षाबलो पर मनमानी का आरोप लगते रहे है।1942 में ब्रिटिश सरकार ने भारत छोड़ो आंदोलन को दबाने के लिए यह कानून थोपा गया था।इस कानून के तहत विशेषाधिकार मिला है और सुरक्षाबलों द्वारा तलाशी अभियान और धरपकड़ के दौरान किसी की जान भी चली जाए तो कोई जिम्मेवार नही होता है।उत्तर पूर्व में शांति लौटी है।जबकि उग्रवादी घटनाओ में सात साल में 74 प्रतिशत कमी आई है।भारत की पूर्ववर्ती सरकारो की मर्जी से व्यवस्था दी जाती थी।मणिपुर नागालैंड और असम से अफ्सपा हटने से लोगो को राहत रहेगी।पूर्वोत्तर में विकास समृद्धि और शांति पसरी है।पूर्वोत्तर राज्यो के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है।लेकिन मोदी की इच्छाओं और पतिबद्धता से उतर पूर्व विकास के सोपान तय कर रहा है।इन राज्यो में दहशतगर्दी और विकासवाद के नाम पर जनता को ठगा जाता था।हर क्षेत्र में उतर पूर्व राज्य तरक्की कर रहे है।सुरक्षा की दृष्टि से कमी लाने और अफस्पा से राहत दिलाई है ।
उग्रवाद में कमी आई है।पिछले सात सालों में सात हजार उग्रवादियों ने सरेंडर किया है।सुरक्षाबलों और नागरिकों की मौत में 66 प्रतिशत की कमी आई है।पूर्वोत्तर राज्यो में जहा कदम कदम पर दहशतगर्दी थी।आज अमन है।जम्मु कश्मीर में अफ्सपा लागू है।कई सदियों से उपेक्षित उतर पूर्व राज्यो से अफ्सपा हटा कर नए युग का प्रारंभ किया है।मणिपुर के चुनाव के दौरान भी विधानसभा में भी मुद्दा उठाया गया था।राज्य के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने अफ्सपा हटाने का वचन देकर चुनाव प्रचार में उतरे थे।इस कानून के हटने से नागरिकों को राहत मिलेगी।और राज्यो में खुलकर विकास होगा।
*कांतिलाल मांडोत *