''बेरोजगारों से न वसूलें आवेदन शुल्क"......

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बेरोजगारों से न वसूलें आवेदन शुल्क......

सरकारी और गैरसरकारी नौकरी के लिए १०० या उससे भी अधिक शुल्क आवेदन करने पर वसूला जाता है. यह बंद होना चाहिए. क्योंकि एक तरफ बेरोजगारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती, दूसरे उन्हें बेरोजगारी का तनाव रहता है, तीसरे नौकरी के लिए उन्हें जगह-जगह आवेदन करना पड़ता है. नौकरी मिलने तक वे एक ओर भटकते रहते हैं दूसरी ओर आर्थिक नुक्सान भी उठाना पड़ता है जिससे तनाव के कारण अवसाद में भी रहते हैं. अतः उन्हें नैतिक सहयोग (मोरल स्पोर्ट) देने हेतु कम से कम आवेदन और अन्य शुल्क न वसूलें.

क्योंकि वैसे भी उन्हें दूरदराज परीक्षा व साक्षात्कार देने हेतु जाने के लिए खर्च वहन करना ही पड़ता है. आधुनिक तकनीक का उपयोग करके भी ऑन लाइन परीक्षाएं और साक्षात्कार से भी बेरोजगारों का समय, धन और आने-जाने की परेशानी से भी उन्हें बचाया जा सकता है. क्या सरकारी/गैरसरकारी न्यौक्ता ध्यान देकर बेरोजगारों को राहत पहुंचाएंगे ? क्योंकि कभी-कभी बेरोजगारों के बारे में सोचने को कुछ इस तरह मजबूर होना पड़ता है कि बेरोजगारों से नौकरी देने के माध्यम से हजारों की तादाद में लाखो रूपये वसूल करने वाले नियोक्ता खुद तो अमीर बन जाते हैं और बेचारे बेरोजगार वैसे के वैसे ही बेरोजगार रह जाते हैं. ........

शकुंतला महेश नेनावा

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