सपना : हरियाणवी कविता
सपनालेखक : रणवीर दहिया के बूझैगी कमला घणा कसूता सपना आया।।सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।1एक संसार मैं सोया था उठया दूजे संसार मैंपाया...
Admin | Updated on:28 Aug 2022 6:14 PM IST
X
सपनालेखक : रणवीर दहिया के बूझैगी कमला घणा कसूता सपना आया।।सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।1एक संसार मैं सोया था उठया दूजे संसार मैंपाया...
सपना
लेखक : रणवीर दहिया
के बूझैगी कमला घणा कसूता सपना आया।।
सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।
1
एक संसार मैं सोया था उठया दूजे संसार मैं
पाया पेरिस कोण्या उतना रोमांटिक प्यार मैं
न्यूयार्क पै भी दीखै आज काला बादल छाया।।
सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।
2
किला चीनी दीवार का चौड़े मैं दीखै ढहग्या
मक्का भी देखल्यो जमा खाली हाथ रैहग्या
इटली जर्मनी देखो कोरोना नै कहर ढाया।।
सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।
3
बेरा लाग्या पिस्से तैं ऑक्सीजन नहीं थ्यावै
ताकत धरी रैहज्या कोण्या कोये पार बसावै
प्रकृति नै इंसान तैं आज गंभीर पाठ पढ़ाया।।
सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।
4
हवा धरती आसमान आज न्यों कहते देखो
सुण तेरे बिना हमतै देख सुखतैं रहते देखो
रणबीर हाल सपने का न्यों का न्यों बताया।।
सपने के मां देख्या पूरा संसार बदल्या पाया।।
Next Story