अखिलेश यादव की ईमानदार की छवि हुई तार तार*

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अखिलेश यादव की ईमानदार की छवि हुई तार तार*
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भ्रष्टाचार की प्रतीक पूर्व अखिलेश यादव की सरकार ने सभी हदे पार कर ली है। गुंडों मवालियों को यूपी आश्रय दिया हुआ है।भ्रष्टाचार के मामले जुगलबंदी की सरकरो को जनता अब वापस नही लाएगी।देश मे कानपुर के जैन बन्धु से मिले अरबो रुपए इस बात की गवाही है कि यूपी की पूर्व समाजवादी सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी।अब तक 280 करोड़ नकद और ज्वेलरी की बरामदगी से सपा की राह आसान नही है।चुनाव में असफलता की निशानी है।2022 का चुनावी मुद्दा बनेगा।अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की इज्जत दांव पर लगी है।

देश की आजादी के बाद और देश की आजादी के पूर्व इतनी बड़ी नकदी किसी भी एजेंन्सी के हाथ नही लगी है।करोडो रुपए की बेनामी रकम घरो की दीवारों से निकल रही है।भ्रष्टाचार के प्रतीक जुगलबंदी सरकार का अब कोई नाम नही लेना चाहता है।आज योगी ने सपा के अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव नोटबन्दी का विरोध करते थे।आज पता चला है कि अखिलेश यादव नोटबन्दी का विरोध करने का मुख्य कारण भ्रष्टाचार है।ये चोर लुटेरे है इनको जेल में सड़ना चाहिए।गरीब लोगों की काली कमाई का देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री की समाजवादी पार्टी के नेता है।जिनके इशारों पर अरबो रूपये घरो की दीवारों में छुपाए गए।अखिलेश यादव को सफाई देने की कोई आवश्यकता नही है।बेशर्म की भी हद होती है।अखिलेश कौनसा मुह लेकर जनता के पास जाएंगे।ऐसे घोटालों से तो आदमी की साख पर बट्टा लग जाता है।अब समाजवादी के काले कारनामे बाहर आ गए है।


अब सूबे की जनता अखिलेश यादव पर भरोसा नही करेगी।आगामी चुनाव में क्या कहकर जनता से वोट मांगेंगे?आज देश ही नही विदेश में भी उनकी छवि पर काला धब्बा लगा है।अखिलेश ने अपने पिता के साथ किए व्यवहार पूरा देश जानता है।कुर्सी और पेसो से मोह रखने वाले इस नेता ने समाजवादी पार्टी की बुनियाद रखने वाले मुलायम सीह की ऐसी दशा की ।जोकि उनको भी शर्मसार कर दिया।अपनी हिम्मत और मेहनत से सपा को ऊंचाइयों तक ले जाने वाले नेता मुलायमसिंह की ऐसी दशा होगी।कभी सोचा नही था।आज सूबे की सियासत में मुलायम की कोई भूमिका नही है।मुलायम सिंह की बनी बनाई इज्जत पर अखिलेश ने पानी फेर दिया।तीन महीने का घटनाक्रम सभी के जेहन में है।

*कांतिलाल मांडोत*

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