बढ़ती साइबर ठगी,नए जमाने के अपराध

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बढ़ती साइबर ठगी,नए जमाने के अपराध

देश मे हररोज साइबर अपराध बढ़ते जा रहे है।यह ठग गिरोह फलफूल रहा है।दरअसल,साइबर ठगी से जुड़े लोग बड़े ही शातिर होते है।देश की सरकार और पुलिस यह जानती है कि धोखे से वित्त संबंधी गोपनीय जानकारी हासिल कर लाखो रुपए पार कर लेते है साइबर अपराधी ई मेल,एसएमएस और फोन के जरिये लुभावने ऑफर देकर लोगो के बैंक खाते से जुड़ी गोपनीय जानकारी हासिल कर उनकी जमा पूंजी उड़ा लेते है।कही बार अपराधी की पहचान फोन पर ही बोलते समय ही हो जाती है या ठगी करते समय पकड़ा भी जाता है तो भी हम उसका कुछ नही सकते है क्योकि उस नम्बर के पते पर कोई होता ही नही है।उनके एटीएम का पिन या सीवीवी मांगने के बहाने भी इतने सटीक लगते है कि लोग उस साइबर ठग को सबकुछ बता देते है कल्पना करें कि आप किसी महत्वपूर्ण काम मे लगे है और आपके पास किसी का फोन आता है कि एक व्यक्ति आपका एटीएम कार्ड इस्तेमाल करता पकड़ा गया है ।


फोन करने वाला भी खुद को बैंक का कर्मचारी या पुलिस अधिकारी बताते हुए कहता है कि एटीएम पिन बताए ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपके खाते से कितने रुपए की हेराफेरी की गई है।वह कहता है कि आपके खाते का पैसा खतरे में है जिसे तत्काल सुरक्षित करना जरूरी है।वरना आपको बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।इसलिए देर न करे और सारी जानकारी देना शुरू करे।क्योकि फोन करने वाला आपका नाम पता ईमेल और आपके बैंक खाते के बारे में जानता है।इसलिए अधिकांश मामलो में लोग गलती कर जाते है।इस तरह की हड़बड़ी में लोग भूल जाते है।अगर कुछ ऐसा हुआ होता तो उनके एटीएम में होने वाले लेनदेन की जानकारी तो उन्हें अपने मोबाइल पर ही मिल जाती। इसलिए किसी को एटीएम पिन या क्रेडिट कार्ड का सीवीवी बताना जरूरी नही है। अक्सर फोन के जरिये होने वाली ठगी के ज्यादातर मामले में पुलिस को असफलता ही हाथ लगी है।इसका मूल कारण यह है कि फोन किए जाते और पैसे की हेराफेरी में जिस इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है वह जिस व्यक्ति के नाम का होता है उसका अस्तित्व ही नही होता है।इंटरनेट औ और फोन नम्बर गलत आईडी के जरिये हासिल किए जाते है।उस पर पता लिखा है वहा उस नाम का कोई मिलता ही नही है।मोबाइल नम्बर बताने पर भी पुलिस किसी को गिरफ्तार नही कर सकती है।पुलिस के अनुसार उस नम्बर को निगरानी पर डालती है तब तक साइबर ठग दो चार बार इस्तेमाल करके उस नम्बर को फेंक देता है।इसलिए आप अपने धन की सुरक्षा स्वयं करे।किसी को जानकारी उपलब्ध नही कराए।

*कांतिलाल मांडोत सूरत*

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