परमाणु युद्धोंन्माद बनाम राजनयिक दांव पेंच, सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण

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परमाणु युद्धोंन्माद बनाम राजनयिक दांव पेंच,  सुपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण
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परमाणु जखीरे के मामले में अमेरिका, रूस और भारत का नम्बर आ गया है।भारत पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार है।लेकिन अब भारत तीसरे स्थान पर है।पाकिस्तान परमाणु युधोन्माद केवल स्नायु युद्ध के लिए करता है।दुश्मनों के लिए काल बना है सुपरसोनिक मिसाइल जिसका ओडिशा के चांदीपुर में घातक सुपरसोनिक ब्रहमोस क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया।जिसकी मारक क्षमता 350 से 400 किमी की है।इससे चीन सहित पाकिस्तान की हवा निकल गई है।पिछली बार समुद्र से समुद्र में प्रहार करने वाली मिसाइल का प्रशिक्षण किया।उसके पूर्व भारत ने परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम के-4 मिसाइल का प्रशिक्षण भी किया था।इसकी रेंज 3500 किमी है और दो हजार किमी तक वजन ले जाने में सक्षम है।भारतीय फ़ौज के जखीरे में परमाणु सक्षम मिसाइलें है।पिछले दिनों भारत ने किसी भी बैलेस्टिक मिसाइल हमले को बीच मे ही नाकाम करने में सक्षम इंटरसेप्टर मिसाइल का सफ़लतापूर्वक परीक्षण किया।भारत ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ एटमी करार कर रखा है और सब न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में शामिल होने की लॉबिंग में जुटा है।


भारत सरकार परमाणु ईंधन का इस्तेमाल बिजली बनाने की परियोजनाओं में कर रही है।हमारे पास न्यूक्लियर वारहेड है जो पाकिस्तान और चीन से ज्यादा उन्नत दागने और सरंक्षित करने की अधिक सुविधाएं है।भारतीय वायु सेना के पास उपलब्ध मिराज,सुखोई,मिग और जगुआर को न्यूक्लियर वारहेड से लैस करने की सिफारिश चल रही है।हमारी क्षमता पड़ोसी देश से दुगुनी है।पाकिस्तान ने चीन और उत्तर कोरिया से खुफिया तरीके से मध्यम दूरी के बैलेस्टिक मिसाइल की तकनीक हासिल भी की है लेकिन भारत की क्षमता इनसे भी तेज है।भारत के अग्नि दो और अग्नि तीन की क्षमता पांच हजार किमी की है।जिसमे पाकिस्तान का शाहीन पच्चीस सौ किमी है।भारत चीन तक वार कर सकता है।भारत का आईएनएस अरिहंत की क्षमता 35 सौ किमी है।आईएनएस अरिदमन की क्षमता अमेरिका, रूस और चीन की तुलना लायक माना जाता है।वैश्विक स्तर ने भारत ने नॉ फर्स्ट यूज की नीति अख्तियार की गई है।पाकिस्तान इस तरह की नीति पर राजी नही है।लेकिन अंतराष्ट्रीय समुदाय के दबाव और नियमो का पालन सभी देशों के लिए जरूरी है। परमाणु क्षमता देश एक दूसरे को दबाव में रखने के लिए कर रहे है।अमेरिका, चीन,रूस,फ्रांस और इंग्लैंड जैसे देश रेफरी की भूमिका में दिख रहे है।सुपरसोनिक मिसाइल का ब्रहमोस राडार इसको पकड़ नही सकते और इसकी बड़ी खासियत है।

*कांतिलाल मांडोत *

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