प्रियंका वाड्रा आखिर आ ही गई मैदान में

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प्रियंका वाड्रा आखिर आ ही गई मैदान में

प्रियंका वाड्रा यूपी में कांग्रेस का सीएम चेहरा है।प्रियंका ने कहा कि सब जगह मेरा ही चेहरा दिख रहा है।यूपी में प्रियंका कांग्रेस का सीएम का चेहरा घोषित होते ही यूपी सहित देश मे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के चेहरे खिल उठे है।प्रियंका वाड्रा की लंबे समय से सक्रिय भूमिका रही है।प्रियंका ने यूपी की बागडोर संभाली है।प्रियंका ने पहल करके सुनिश्चित किया है।यूपी में पिछले विधानसभा चुनाव में प्रियंका लाओ ,देश बचाओ जैसे पोस्टर लगे देखे गए थे।लेकिन इस बार बहुत अंतर है।कांग्रेस की सक्रिय भूमिका और कांग्रेस के लिए संजीवनी के समान है।क्योंकि इस बार एक तीर से दो निशाने है।एक तो यूपी में महिलाओं को सबसे आगे रखा गया है और दूसरा यह कि यूपी में प्रियंका सीएम की दावेदारी है।ये दोनों बातें कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है।कांग्रेस ने प्रियंका को यह जिम्मेदारी दी है।कांग्रेस के लिए प्रियंका की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है।इस तरह की सार्वजनिक घोषणा पहले कभी नही की गई थी।समझना चाहिए कि प्रियंका वाड्रा के सक्रिय राजनीति में आने की यह शुरुआत है।


सार्वजनिक स्तर पर उनकी राजनीतिक भूमिका अपनी माता और भाई के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली और अमेठी तक सीमित थी।लेकिन अब गांधी परिवार की इस बेटी ने सक्रियता को जनता के सामने रखा है।यूपी की कांग्रेस पार्टी में जान फूंकने वाली आ गई है।प्रियंका का राजनीति में आने और हॉट लाइन पर बने रहने से और राजनीति में लाने की आधारभूमि पहले से तैयार हो चुकी थी लेकिन कांग्रेस और जनता को सरप्राइज देने के लिए अब घोषणा की है।प्रियंका को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया गया है।जिससे कांग्रेस के समीकरण जरूर बदलकर रहेंगे।प्रियंका को इस तरह सामने लाने का कारण भी यही था कि वो सीएम के पद की दावेदार घोषित की जाए। प्रियंका अब कांग्रेस के लिए किस तरह भूमिका निभाती है?प्रियंका राजनीति में सक्रिय होने के लिए लंबे समय से तैयार थी।उनका मन उस दौरान ही बन चुका था जिस दौर में कांग्रेस की देश मे पतली हालत होती गई।एक एक राज्य हाथ से निकलने के बाद कांग्रेस का अंतिम फैसला यह था कि कांग्रेस को जीवनदान देना है तो प्रियंका को सक्रिय राजनीति में लाया जाए।प्रियंका राहुल से प्रभावी है।प्रियंका के चेहरे में इंदिरा गांधी की छवि दिखती है।यह कांग्रेस की सोच है।देश भी ऐसा ही सोचता होगा।सोनिया गांधी के लिए समस्या रही है कि अगर प्रियंका को जिम्मेदारी देकर पूरी तरह सक्रिय कर दिया तो कही राहुल गांधी की छवि और उनके राजनीतिक भविष्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।यूपी की सारी गतिविधियां प्रियंका ही संभाल रही है।

*कांतिलाल मांडोत*

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