पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में चूक से उजागर हुई स्थानीय पुलिस की जवाबदारी

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पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में चूक से उजागर हुई स्थानीय पुलिस की जवाबदारी

प्रधनमंत्री को भारतीय गणराज्य का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बनाती है।प्रधानमंत्री संवैधानिक प्रमुख व नेता होते है।विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था, विश्व की दूसरी बड़ी जनसंख्या और विश्व की तीसरी बड़ी सैन्य और परमाणु शस्त्र राज्य के नेता और विश्व के सबसे लोकतंत्र के नेता मोदी की कांग्रेस ने पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था की चूक को लेकर गृहमंत्रालय नाराज हुआ।पीएम को विश्व का 9वा शक्तिशाली व्यक्ति नामित किया है।पंजाब की कांग्रेस सरकार की लापरवाही सामने आई है।किसानों को उकसाने और मोदी को पंजाब में नही आने देने के षड्यंत्र का पर्दाफास हुआ है।मोदी के प्रवास के दौरान सुरक्षा की पूरी जवाबदारी एसपीजी की होती है।मोदी के काफिले के साथ दो डमी कार भी चलती है।


जिस राज्य में जाते है उस राज्य की स्थानीय पुलिस आगे चलकर सड़क पर ट्रैफिक कंट्रोल कर सड़क पर आवागमन बन्द करती है।किसानों की रैली और मोदी के विरोध प्रदर्शन के पूर्व सुरक्षित मार्ग का प्रबंध राज्य पुलिस के ताबे होता है।जिस तरह से पंजाब पुलिस ने ध्यान नही दिया।पीएम की सुरक्षा व्यवस्था उच्च स्तरीय होती है।मोदी बुलेटप्रूफ रेंज रोवर,मर्सिडीज और बिएमडब्यू 760 एल आई कार में सफर करते है।इस वजह से सड़क पर कोई भी अप्रिय घटना हो तो एक बार बचाव किया जा सकता है।मेबेक भी कार के साथ काफिला का हिस्सा है।मेबेक अभेद किल्ला समान है।उस पर पॉलीकार्बोनेटकोटिंग होती है।जिस पर कोई भी विस्फोट का असर नही होता है।सुरंग और बम विस्फोट को सहन करने की शक्ति होती है।कार में आपातकालिक निकासी की व्यवस्था होती है।इस तरह से देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद होते हुए भी एसपीजी सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति डांवाडोल होने पर सकते में आ गए।पंजाब सरकार की पूरी जवाबदारी थी कि अगर सड़क पर उपद्रवियों द्वारा रास्ता रोका गया है तो उनका रूट बदलने की कवायद शुरू करनी चाहिए थी।सौ सुरक्षाकर्मियो के साथ एनएसजी शूटर कमांडो तैनात थे।लेकिन प्रश्न यह है कि राज्य सरकार की पुलिस इतनी बड़ी भूल कैसे कर सकती है।पार्टी विवाद अपनी जगह होता है लेकिन प्रधानमंत्री तो पूरे देश का होता है।सुरक्षा के कारण उनका रूट करीब साथ घन्टे पूर्व नक्की किया जाता है और उसके साथ वैकल्पिक मार्ग भी नक्की किया जाता है ।


उसका रिहर्सल होता है।मोदी की सुरक्षा घेरे की जवाबदारी पंजाब पुलिस की थी।लेकिन उन्होंने ध्यान नही दिया।पीएम के प्रवास के पूर्व तीन से चार दिन पूर्व एसपीजी सड़क का अवलोकन कर मार्ग निश्चित करती है।एसपीजी के पास क्लोज सिक्युरिटी की जवाबदारी होती है।किसी भी संजोग में परिस्थितिया बदलती है तो राज्य पुलिस अलर्ट रहती है।स्थानीय पुलिस की जवाबदारी होती है कि वो सड़क क्लियर रहे और हमेशा सुरक्षा व्यवस्था रखने की जरूरत रहती है।पंजाब पुलिस की लापरवाही के कारण घटना हुई है।जिससे गृहमंत्रालय ने पुलिस से रिपॉर्ट मांगी है।भाजपा सहित देश कांग्रेस के द्वेषपूर्ण व्यवहार से नाराज है।

*कांतिलाल मांडोत सूरत*

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