रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ती दूरियां दुनिया के लिए खतरे की घन्टी

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रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ती दूरियां दुनिया के लिए खतरे की घन्टी

युद्ध तबाही का दूसरा नाम है।युद्ध विनाशकारी ही होता है।युद्ध मे लड़ने वाले देशो की विनाशलीला से दुनिया पर खराब प्रभाव पड़ता है।रूस और यूक्रेन के बीच तनाव से परेशानी बढ़ती नजर आ रही है।चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियां से भारत के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। रूस को सैन्य उपकरण की बिक्री की भूख बढ़ती जा रही है।रूस ने भारत से राजनीतिक रिस्ते मजबूत किए। रूस ने भारत को सैन्य उपकरण की बिक्री की है।पाकिस्तान की यात्रा को लेकर रूस बेचैन है।चीन के साथ रूस के राजनयिक रिस्ते मजबूत होते है तो भारत और रूस के बीच दरार पड़नी तय है।चीन और पाकिस्तान भारत के कट्टर दुश्मन है।अमेरिका भारत का परम मित्र है।रूस और अमेरिका के बीच खाई परिलक्षित हुई है।उसका खामियाजा पूरी दुनिया को भुगतना पड़ सकता है।रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव से युद्ध की विभीषिका का हम अंदाजा लगा सकते है।

उधर अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन को लेकर भारत ने दरमियानगिरी कर शांतिपूर्ण हल निकालने के लिए आगे आया है।अमेरिका की नाटो सदस्य के साथ सीधी भागीदारी है।भारत भी नही चाहता है कि युद्ध की आग से भारत या अन्य देश प्रभावित हो और आपसी राजनीतिक रिस्तो में दरार पैदा की जाए।कोई भी देश सीधा हमला करने में सक्षम नही है।एक तरफ कोरोना महामारी से दुनियाभर में लोग परेशान है।उधर रूस यूक्रेन के बीच बढ़ती दूरियां विश्व के लिए नुकसानदेह है।भारत हस्तक्षेप कर सारी बुराइयों

को दूर करने की तैयारी में लगा है।भारत शांतिदूत बनकर पीड़ा दूर करने के लिए योजना बना रहा है।युद्ध किसी भी समस्या का हल नही है।

*कांतिलाल मांडोत सूरत*

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