''भाजपा क्या भूत है''

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भाजपा क्या भूत है

एक तरफ ममता बनर्जी ने कांग्रेस से दूर रहने की बात कही वहीँ दूसरी और वह भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने की बात कर रही है एवं शरद पवार से उम्मीद कर रही है कि वे किसी भी तरह भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षियों को एक करके ''महागठबंधन'' बनाएं. एक मजेदार बात यह है कि ममता बनर्जी जो कांग्रेस को अलग रखना चाह रही है वहीँ शरद पवार भाजपा के विरूद्व जो भी हमारे साथ आएंगे हम उनका स्वागत करने की बात कह रहे हैं. ममता बनर्जी ने पिछले दिनों विपक्ष को भाजपा के विरूद्व संगठित करने हेतु शरद पवार से औपचारिक मुलाक़ात की और अभी-अभी उनके जन्मदिन पर उन्हें बधाई भी दी. कांग्रेस सत्ता में थी तब तो भाजपा को ऐसा कुछ नहीं लगा था किन्तु जब से भाजपा सत्ता में आई है तब से सारे विपक्षियों को क्या भाजपा ''भूत'' लग रही है ? जिसे सत्ता से बेदखल करने के लिए सब घबरा-घबराकर संगठित हो रहे हैं.

कांग्रेस बहक रही है, ममता तिलमिला रही है, शरद पवार एकीकरण के प्रयास में लगे हुए हैं, सपा भयभीत हो रही है और छोटे-मोटे क्षत्रप उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कब ''महागठबंधन'' बनकर सत्ता में आये और हम सौदेबाजी का खेल खेल सकें। उन्हें ''जनता पार्टी'' सत्ता का इतिहास याद रखना चाहिए जब सारे दल एक होकर भी ऐसे बिखरे कि '' माया मिली ना राम'' और फिर से भारी बहुमत से इंदिराजी ने एकछत्र सत्ता संभाल ली. भले ही कितने ही टुकड़ों को जोड़ो पर वो टुकड़े ही होते हैं और कब बिखर जाए अपने मतलब के लिए कुछ कह नहीं सकते. अरे जब संगठित दल में से ही स्वार्थ के चलते दल बदल लेते हैं तब टुकड़ों का क्या भरोसा ?

शकुंतला महेश नेनावा

Tags:    BJPElection
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