ब्लैक फंगस के बाद सामने आए 'व्हाइट फंगस' के नए मामले, जाने क्या हैं इसके लक्षण....

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ब्लैक फंगस के बाद सामने आए व्हाइट फंगस के नए मामले, जाने क्या हैं इसके लक्षण....

देश में कोरोना के साथ-साथ ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माइकोसिस के मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है ऐसे में पटना में व्हाइट फंगस के मरीज मिलने से अफरातफरी मच गई है. व्हाइट फंगस फेफड़ों के संक्रमण का मुख्य कारण है.

फेफड़ों के अलावा, स्किन, नाखून, मुंह के अंदरूनी भाग, आमाशय और आंत, किडनी, गुप्तांग और ब्रेन आदि को भी संक्रमित करता है. व्हाइट फंगस के पटना में अब तक चार मरीज मिल चुके है. व्हाइट फंगस के मरीजों में कोरोना और ब्लैक फंगस जैसे लक्षण ही अमूमन होते हैं. कई बार आरटीपीसीआर कराने पर इसका पता नहीं लग पाता है.

व्हाइट फंगस के मरीज का फेफड़ा बहुत तेजी से संक्रमण का शिकार होता है. इसके साथ ही जिन मरीजों में व्हाइट फंगस का लक्षण होता है, उनके शरीर के दूसरे अंग जैसे नाखून, स्किन, पेट, किडनी, ब्रेन, प्राइवेट पार्ट्स और मुंह के अंदर भी संक्रमण तेजी से फैलता है.

डायबिटीज मरीज को ही होता है. कोरोना के दौरान अधिक एस्ट्रॉयड लेने पर भी व्हाइट फंगस अटैक कर सकता है. व्हाइट फंगस के बारे में जानकारी के लिए तुरंत मरीज को बलगम कल्चर की जांच करानी चाहिए.

बता दे की राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है. गहलोत सरकार ने इसका एलान करते हुए कहा कि ब्लैक फंगस अब खतरनाक रूप लेता जा रहा है और यह कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है, इसलिए इसपर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है.

अराधना मौर्या

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